शिमला, 18 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को कहा कि थुनाग में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज पुलिस प्राथमिकी तभी रद्द की जाएंगी जब वे माफी मांगेंगे।
सुक्खू ने विधानसभा में प्राकृतिक आपदाओं पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार किसी भी व्यक्ति को तिरंगे का अपमान नहीं करने देगी।
पिछले महीने, जंजैहली और थुनाग क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के क्षेत्र के दौरे के दौरान राष्ट्रीय ध्वज लगे उनके वाहन पर कथित तौर पर जूते और काले झंडे फेंके थे। जंजैहली और थुनाग क्षेत्रों में हाल की आपदाओं में भारी नुकसान हुआ था।
मंडी पुलिस ने बीएनएस की धारा 126 (2), 189 (2), 190 और 191 (2) के तहत 50 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया है।
जंजैहली और थुनाग पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रतिनिधित्व वाले सेराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सिराज के लिए राहत पैकेज केवल उसी क्षेत्र तक सीमित नहीं होगा, बल्कि पूरे राज्य में समान रूप से वितरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि 2023 की आपदा से प्रभावित लोगों के लिए 250 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं और दूसरी किस्त जारी नहीं की जा सकी, क्योंकि कुछ लोगों के पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं है।
सुक्खू ने कहा कि सरकार आश्रय गृहों के लिए धनराशि देने को तैयार है, लेकिन जब तक वन संरक्षण अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम में संशोधन करके वन क्षेत्रों में जमीन उपलब्ध नहीं कराई जाती, तब तक उनके लिए इस उद्देश्य के लिए अन्य जमीन देना संभव नहीं है।
इस मामले में विपक्ष से सहयोग की मांग करते हुए, उन्होंने विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी लेने के लिए उनके साथ दिल्ली जाने का आग्रह किया, क्योंकि इन कानूनों में संशोधन किए बिना एक बिस्वा (45 वर्ग मीटर) वन भूमि का भी हस्तांतरण नहीं किया जा सकता।
आपदा प्रभावित सिराज विधानसभा क्षेत्र में मदद न पहुंचाने के आरोपों का खंडन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के बाद सबसे पहले वह सिराज पहुंचे, जबकि उपमुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी राहत कार्यों में लगे रहे।
सुक्खू ने बताया कि ठाकुर को उनके निर्वाचन क्षेत्र के दूर-दराज के इलाकों का दौरा करने के लिए कांग्रेस सरकार के खर्चे पर एनडीआरएफ का एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराया गया था।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अकेले जल शक्ति विभाग को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने सदन को बताया कि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अस्थायी रूप से जलापूर्ति बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम किया, लेकिन स्थायी रूप से जलापूर्ति बहाल करने के लिए भारी धनराशि की जरूरत है, जिसके लिए केंद्रीय मदद की आवश्यकता है।
भाषा अमित सुरेश
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