नई दिल्ली: यूपीए सरकार में पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर बेरोजगारों, युवाओं, मजदूरों, किसानों की परवाह न करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा, ‘बजट से पता चलता है कि सरकार लोगों और उनके जीवन व आजीविका के बारे में उनकी चिंताओं, अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के बारे में कोई परवाह नहीं है. वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी या असमानता जैसे शब्दों का जिक्र नहीं किया.’
उन्होंने कहा कि 1% लोगों के हाथों में धन जमा हो रहा है.
देश की सुरक्षा करने वाले जवानों, सरकारी नीतियों से त्रस्त किसानों और बेरोजगारी से बदहाल नौजवानों की उम्मीदों को एक बार फिर मोदी सरकार ने तोड़ दिया।
बजट 2023-24 में इनके लिए कुछ नहीं है।
आर्थिक और सामाजिक रूप से हाशिये पर गए मजदूर, आदिवासी और दलितों के लिए यह बजट भद्दा मजाक है। pic.twitter.com/Ns9Vgiq3s1
— Congress (@INCIndia) February 1, 2023
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से गरीब को नहीं, नौकरी की तलाश में भटक रहे युवा को नहीं, नौकरी से निकाले गए युवा को नहीं, बड़ी संख्या में करदाता को नहीं और गृहिणी को नहीं.
वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने कहा कि ‘ताज्जुब है कि सरकार स्कीमों में जितना खर्च करने का सोचती है, उतना खर्च नहीं कर पाती. कृषि पर सरकार ने 83,521 करोड़ खर्च करने का सोचा, उसे संशोधित कर 76,279 करोड़ कर दिया. PM किसान पर 68,000 करोड़ खर्च करने का अनुमान था, खर्च हुए 60,000 करोड़.’
उन्होंने कहा कि यह बजट अहमदाबाद की ‘GIFT City’ को फोकस कर रहा है. उसको एक मेजर बिजनेस हब के तौर पर बढ़ाना चाहता है और उसे फाइनेंशियल सेंटर के रूप में डेवलप करना चाहता है.
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