नई दिल्ली: किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से भारतीय रेलवे ने स्पेशल किसान रेल की शुरुआत कर दी है. ये स्पेशल ट्रेन देश की दूसरी और दक्षिण भारत की पहली किसान रेल है. ये आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से नई दिल्ली के बीच की दूरी तय करेगी.
पहली ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के लिए पिछले महीने ही चलाई गई है.यह साप्ताहिक ट्रेन हैं.
बुधवार की सुबह केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी और आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखा कर इसकी शुरुआत की.
रेल को हरी झंडी दिखाते हुए कृषि मंत्री तोमर ने कहा, ‘गांव, गरीब और किसान हमेशा से ही मोदी सरकार की प्राथमिकता में रहा है.खेती की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले. किसान मुनाफे में आए. किसानों की आय दुगुनी हो इस दिशा में हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है.’
तोमर ने आगे कहा,’ मोदी सरकार के बजट में किसान रेल और किसान उड़ान की घोषणा हुई थी. इसी के मद्देनजर ये ट्रेन शुरु की गई है.
वह आगे कहते हैं, ‘इसके माध्यम से किसानों अपने कृषि उत्पादों को कम किराए में अन्य राज्यों और शहरों तक पहुंचाने की सुविधा मिलेगी. इससे किसानों को फायदा होगा और उन्हें भी उचित मूल्य मिल सकेगा. ये ट्रेन आंध्र प्रदेश से चलकर महाराष्ट्र, एमपी, राजस्थान, हरियाणा होते हुए दिल्ली आएगी. इससे इन सभी राज्यों के किसानों को फायदा होगा. इससे किसान की अर्थव्यस्था मजबूत होगी.’
इस किसान रेल के चलने से आंध्र प्रदेश का अनार, खरबूजा, पपीता, अमरुद और टमाटर सहित सब्जियां सीधे दिल्ली के बाजार तक पहुंच सकेगीं. इसका सीधा फायदा किसानों और व्यापारियों को होगा. इससे उनके उत्पाद की अच्छी कीमत भी मिल सकेगी.
किसान रेल के माध्यम से कृषि और रेल मंत्रालय किसानों और व्यापारियों के उपज को नए बाजारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है वहीं,उनके सामानों को पहुंचाने के लिए नेटवर्क भी तैयार किया जा रहा है ताकि देश के अन्य हिस्सों में सभी सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से पहुंच सके.
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कई राज्यों के किसान उठा सकेंगे फायदा
भारतीय रेलवे की पहली किसान स्पेशल ट्रेन देवलाली (नासिक रोड) से बिहार स्थित दानापुर रेलवे स्टेशन तक चलेगी. इसका सीधा फायदा रूट के सभी स्टापेज वाले किसानों को मिलेगा. किसान रेल का अधिकतम किराया 4001 रुपए प्रतिटन रखा गया है.
भारतीय रेलवे और कृषि मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से किसान स्पेशल ट्रेन शुरू हुई है. ये स्पेशल ट्रेन पार्सल ट्रेन की तरह होगी. इसकी मदद से किसानों के खेतों से उत्पादित ताजा फल, फूल, सब्जी और मछली एक राज्य से दूसरे राज्यों तक पहुंचाया जाएगा. इस किसान स्पेशल ट्रेन में डिब्बे फ्रिज की तरह होंगे. इनमें सब्जियां, फल खराब नहीं होंगे.
भारतीय रेलवे ने स्पष्ट करते हुए कहा, राज्यों की मांग पर ट्रेनों के फेरे और स्टापेज बढ़ाए जा सकते हैं. वहीं सेंट्रल ने सभी किसानों, मार्केट कमेटी और लोडर्स से कहा कि वे इस ट्रेन सेवा का लाभ उठाने के लिए आगे आएं.
इस ट्रेन में व्यापारी और किसान इच्छा के अनुसार माल का लदान कर सकेंगे. वहीं इसका भाड़ा भी रियायती होगा. मंडी कानून की झंझट से मुक्त होने के बाद इस स्पेशल किसान ट्रेन के जरिए किसानों, किसान संगठनों और आढ़तियों को अपनी उपज को बिना किसी देरी से एक राज्य से दूसरे राज्य पहुंचाने में मदद मिलेगी.
किसान रेल चलाने की घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020—21 के दौरान की थी.
अब तक 350 टन माल की ढुलाई
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसान रेल सेवा 350 टन माल की ढुलाई कर रही है जो पिछले महीने इसके उद्घाटन के समय 94 टन की गयी थी. वर्ष 2020 में केंद्रीय बजट में इस रेल सेवा की घोषणा की गई थी. इसकी शुरुआत कृषि उत्पाद, विशेष रूप से खराब होने वाली वस्तुओं की ढुलाई सस्ते दामों पर किए जाने के मकसद से की गई थी ताकि किसानों को उनकी फसल के उचित दाम मिल सकें.
भारतीय उद्योग महासंघ के एक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा,’किसान रेल शुरू किए जाने के मात्र एक महीने बाद ही जो रेल 94 टन माल की ढुलाई कर रही थी अब वह 350 टन से अधिक ढुलाई कर रही है. इसका मतलब है कि अगर सुविधा प्रदान की जाए तो लोग इसका उपयोग करते हैं.’