नई दिल्ली: बाढ़ के दौरान हुए नुकसान के लिए वित्तीय सहायता और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग उठाते हुए पंजाब के अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेतृत्व में किसानों ने गुरुवार को तीन दिवसीय ‘रेल नाकाबंदी’ की.
विरोध प्रदर्शन में मौजूद किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “अगर किसी ने पंजाब के किसानों के साथ अन्याय करने की कोशिश की, तो हरियाणा के किसान भी पंजाब के किसानों के साथ शामिल हो जाएंगे. पूरे देश में किसान एकजुट हैं.”
पंढेर ने आगे कहा कि “देवी दासपुरा में हजारों किसान उत्तर भारत में बाढ़ से फसलों को प्रभावित होने के मद्देनजर नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन करने के लिए अपने ट्रैक्टरों और बाइकों में एकत्र हुए हैं.”
पंढेर ने कहा, “उत्तर भारत में 18 यूनियनों ने आंदोलन का आह्वान किया है. गृह मंत्री अमित शाह अमृतसर आए थे और उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून लाने का वादा किया था लेकिन अभी तक समिति का गठन नहीं किया गया है.”
उन्होंने आगे कहा, “जिन किसानों ने अपनी जान गंवाई, उनके परिवारों को मुआवजा और नौकरी नहीं मिली है- जैसा कि आश्वासन दिया गया था. लखीमपुर खीरी घटना में पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है. हमने बाढ़ के मुआवजे के रूप में 50,000 करोड़ की मांग की है. हमारा विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ है.”
पुलिस अधिकारी बलवीर एस घुमन ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा तैनात की गई है.
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