रांची, 17 अप्रैल (भाषा) प्रख्यात लेखिका और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता रोज केरकेट्टा का बृहस्पतिवार को यहां निधन हो गया । उनके परिवार के एक सदस्य ने यह जानकारी दी।
महामारी के दौरान कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद 85 वर्षीय केरकेट्टा कई बीमारियों से पीड़ित थीं।
उनके परिवार में बेटा सोनल प्रभंजन और बेटी वंदना टेटे हैं।
वंदना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरी मां का सुबह करीब 10.30 बजे निधन हो गया। वह 2023 से बिस्तर पर थीं और पिछले 10 दिनों से उन्होंने खाना भी लगभग बंद कर दिया था।’’
केरकेट्टा की कहानियों का संग्रह ‘पघा जोरी-जोरी रे घाटो’ उनकी लोकप्रिय साहित्यिक रचनाओं में से एक थी।
उन्हें हिंदी और खरिया भाषाओं को समृद्ध करने का श्रेय दिया जाता है। केरकेट्टा ने प्रेमचंद की कहानियों का खरिया में अनुवाद भी किया।
केरकेट्टा का जन्म झारखंड के सिमडेगा जिले में हुआ था। रांची आने से पहले वह हिंदी की शिक्षिका थीं।
भाषा रंजन माधव
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