मुंबई: रिपब्लिक टीवी के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी और वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर फर्जी टीआरपी मामले में अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुधवार को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए.
अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि नारायणस्वामी दोपहर 12 बजे अपराध खुफिया इकाई के दफ्तर पहुंचे और बयान दर्ज कराने के बाद शाम साढे़ सात बजे के करीब बाहर निकले.
अधिकारी ने बताया कि कपूर करीब 4 बजे वहां पहुंचे. वह दिल्ली में रहते हैं लेकिन उनका बयान दर्ज नहीं हो सका और कपूर को बृहस्पतिवार को आने को कहा गया है.
रिपब्लिक टीवी ने 10 अक्टूबर को एक दस्तावेज का प्रसारण किया था जो कथित रूप से हंसा रिसर्च ग्रुप से संबंधित था.
नारायणस्वामी और कपूर को मंगलवार को जारी समन में कहा गया है कि यह मानने के वाजिब आधार हैं कि वह दस्तावेज से जुड़े कुछ तथ्यों और परिस्थितियों से वाफिक हैं. इसलिए उनका बयान दर्ज करना जरूरी है.
टीवी ने एक ट्वीट में कहा, ‘वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर समन किए जाने के बाद अपराध शाखा पहुंच गए हैं. रिपब्लिक नेटवर्क सूत्रों का खुलासा करके झुकेगा नहीं.’
समाचार चैनल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क हमारे कार्यकारी संपादक निरंजन नारायणस्वामी और वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर के साथ खड़ा है. रिपब्लिक, मीडिया के रिपोर्ट करने के अधिकार और अपने सूत्रों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से खड़ा है.’
अपराध शाखा इस मामले में अबतक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
कथित फर्जी टीआरपी घोटाला तब प्रकाश में आया जब रेटिंग्स एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बीएआरसी) ने ‘हंसा रिसर्च ग्रुप’ के जरिए शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी की संख्या में हेरफेर कर रहे हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा ने अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया
मुंबई, 14 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने रिपब्लिक टेलीविजन के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया है. यह नोटिस विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना सदन की कार्यवाही की प्रति उच्चतम न्यायालय में जमा करने के मामले में दी गई है.
सचिवालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि अर्नब गोस्वामी को 13 अक्टूबर को नोटिस जारी किया गया और 15 अक्टूबर को लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा सचिवालय ने इससे पहले 16 सितंबर को दो दिवसीय मानसून सत्र के दौरान अर्नब गोस्वामी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा था.
विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने पेश किया था. उन्होंने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले पर प्रस्तुत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य मंत्रियों को संबोधित करने के तरीके पर आपत्ति जताई थी. इस नोटिस पर पांच अक्टूबर की मियाद पूरी होने तक जवाब नहीं आने पर स्मरण-पत्र भेजकर 20 अक्टूबर तक जवाब तलब किया गया है.