छत्रपति संभाजीनगर, 13 सितंबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मराठा और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत करने तथा आरक्षण मुद्दे से उत्पन्न ‘‘अराजकता’’ के समाधान की अपील की।
राउत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में आरक्षण के मुद्दे पर आत्महत्याएं हो रही हैं।
हैदराबाद राजपत्र को लागू करने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के दो सितंबर के शासनादेश (जीआर) (जो मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की अनुमति देगा) ने अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय में बेचैनी पैदा कर दी है, क्योंकि इससे पात्र मराठा ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण का दावा कर सकेंगे।
राज्य के लातूर जिले में 35 वर्षीय भरत कराड ने कथित तौर पर इस डर से आत्महत्या कर ली कि मनोज जरांगे के नेतृत्व वाले मराठा आरक्षण आंदोलन के जवाब में जारी शासनादेश (जीआर) के कारण ओबीसी आरक्षण प्रभावित होगा।
राउत ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आगे आकर आरक्षण के मुद्दे से जुड़े लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए संवाददाता सम्मेलन करना चाहिए। चाहे वह मराठा हो, ओबीसी हो या कोई अन्य समुदाय, उन्हें सरकार की ओर से सबूतों के साथ सीधे जवाब देने चाहिए।’’
राज्यसभा सदस्य ने मांग की कि संवाददाता सम्मेलन मराठवाड़ा में होना चाहिए।
शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा, ‘‘ओबीसी और मराठा आरक्षण के मुद्दे से पैदा हुई अराजकता को दूर करने के लिए आपको बातचीत करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मराठा कार्यकर्ता जरांगे और राकांपा मंत्री व ओबीसी नेता छगन भुजबल को भी संवाददाता सम्मेलन में आमंत्रित करना चाहिए तथा तभी महाराष्ट्र में शांति आएगी।
राउत ने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच हुई मुलाकात से कांग्रेस में कोई बेचैनी नहीं है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमने इस बारे में महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी बात की है कि हम राज्य में क्या कर रहे हैं।’’
दोनों चचेरे भाइयों के राजनीतिक दलों के मध्य गठबंधन की चर्चा के बीच उद्धव इस हफ्ते की शुरुआत में राज के घर गए थे।
भाषा संतोष नेत्रपाल
नेत्रपाल
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