मुंबई, 12 मार्च (भाषा) मुंबई की साइबर पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को एक नोटिस जारी कर कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में रविवार को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, फडणवीस ने कहा कि पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें यह सूचना देने के लिए फोन किया कि पुलिस जरूरी सूचना लेने के लिए उनके आवास पर आएगी और उन्हें बीकेसी साइबर पुलिस थाना जाने की जरूरत नहीं है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री वलसे पाटिल ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले, मंत्री बच्चू काडू, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, पूर्व सांसद संजय काकडे और अन्य की भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी रश्मि शुक्ला ने उस वक्त फोन टैपिंग की थी, जब वह राज्य खुफिया प्रमुख थीं।
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘फडणवीस को जारी नोटिस में, पुलिस ने कहा है कि मामले के सिलसिले में पहले ही उन्हें सीलबंद लिफाफे में प्रश्नावली भेज दी गई थी, लेकिन उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया। इसके अलावा, उनका जवाब मांगते हुए उन्हें दो बार नोटिस भेजा गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।’’
अधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त, फडणवीस को तीन पत्र भेज कर उन्हें पुलिस के समक्ष उपस्थित होने की याद दिलाई गई। लेकिन, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, एक नये नोटिस में, उनसे रविवार को साइबर पुलिस के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि अज्ञात व्यक्तियों की कथित तौर पर अवैध रूप से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेज लीक करने के सिलसिले में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया था। यह मामला राज्य के खुफिया विभाग (एसआईडी) की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
हालांकि, प्राथमिकी दर्ज होने से पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने गोपनीय रिपोर्ट लीक की थी।
शुक्ला पर एसआईडी प्रमुख रहते हुए नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के फोन टैप कराने का आरोप है।
फडणवीस द्वारा पुलिस विभाग में तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में शुक्ला की ओर से तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को कथित रूप से लिखे गए एक पत्र का हवाला देने के बाद वह विवादों में घिर गई थीं।
पत्र में कथित तौर पर टैप किए गए फोन कॉल का भी ब्योरा था, जिसे लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाया कि शुक्ला ने बिना अनुमति के फोन टैप किए।
पिछले साल अप्रैल में मुंबई पुलिस ने शुक्ला को पूछताछ के लिए बीकेसी साइबर सेल के सामने तलब किया था, लेकिन वह कोरोना वायरस महामारी का हवाला देते हुए नहीं पहुंचीं। मई में मुंबई साइबर पुलिस की एक टीम ने कथित फोन टैपिंग मामले में हैदराबाद में उनका बयान दर्ज किया था।
दिन में, संवाददाताओं से बातचीत में फडणवीस ने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें पेशी का नोटिस मिला है और वह रविवार सुबह 11 बजे साइबर पुलिस थाने जाएंगे।
बाद में उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘अभी-अभी संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) का एक कॉल आया, जिसमें मुझे सूचित किया गया कि बीकेसी साइबर पुलिस थाना जाने की जरूरत नहीं है। वे जरूरी सूचना लेने मेरे आवास पर आएंगे। मैं अपने आवास पर रहूंगा। मैंने कल के लिए पुणे के सारे कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं। वे किसी भी समय आ सकते हैं। ’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इसलिए नोटिस जारी किया गया है कि उन्होंने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महाविकास आघाडी सरकार को बेनकाब किया था।
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