नागपुर, सात अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कट्टरता क्रोध और घृणा पैदा करती है, जिससे झगड़े और युद्ध होते हैं।
भागवत ने नागपुर में एक शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद एक समारोह में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं का मूल कारण मानव स्वभाव की पांच या छह प्रवृत्तियां हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, “मनुष्य की कट्टरता क्रोध और घृणा पैदा करती है, जिससे झगड़े और युद्ध होते हैं।”
उन्होंने कहा कि इन प्रवृत्तियों को बदलने के लिए भगवान शिव की भक्ति करनी चाहिए।
भागवत ने कहा कि व्यक्ति को विनम्रता का जीवन अपनाना चाहिए और अपने लिए चीजें हासिल करने की इच्छा रखे बिना सभी के प्रति दया का भाव रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसी पवित्र जीवनशैली की ओर प्रतिदिन एक कदम बढ़ाना ही शिव के प्रति सच्ची भक्ति है।
भागवत ने कहा कि दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही है और अगर मनुष्य ने उचित कदम नहीं उठाए, तो इसका विनाश हो जाएगा, लेकिन अगर वे सही कदम उठाएंगे, तो मानवता का एक नया उन्नत रूप उभरकर सामने आएगा।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि मानवता के ऐसे उन्नत स्वरूप के उद्भव के लिए भारत को विश्व का नेतृत्व करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में विश्वभर के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की शक्ति है।
भाषा पारुल देवेंद्र
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