नई दिल्ली: पॉप स्टार रिहाना के टॉपलेस फोटो विवाद पर, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव, चंपत राय ने कहा है कि अत्याधिक सहनशीलता भी हानिकारक होती है, और धैर्य का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
इसी हफ्ते रिहाना उस समय सोशल मीडिया पर विवादों में घिर गईं थीं, जब उन्होंने ट्विटर और सोशल मीडिया पर, अपनी एक टॉपलेस फोटो पोस्ट कर दी, जिसमें वो भगवान बणेश का पेंडेंट पहने हुए थीं. इस फोटो के आने से कुछ पहले ही, जब किसान आंदोलन और दिल्ली में आंदोलन स्थलों के नज़दीक, इंटरनेट प्रतिबंधों पर उनके ट्वीट ने, देश में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था.
बुद्धवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में राय ने कहा, ‘अत्याधिक सहनशीलता भी ख़राब होती है. अगर कोई अपनी सीमाओं को लांघता है, तो सबके लिए समस्याएं खड़ी हो जाएंगी’.
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी सभी के लिए है, और जो लोग हिंदू-विरोधी टिप्पणियां करते हैं, उन्हें सहनशक्ति और धीरज का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए’.
राय ने कहा, ‘जो लोग ऐसा (हिंदू-विरोधी टिप्पणियां) कर रहे हैं, उनके भी कुछ आदर्श होंगे और अगर ये सही नहीं है, तो उन्हें ही सफाई देनी चाहिए. अगर आपको कुछ कहने और करने की आज़ादी है, तो फिर ये आज़ादी सबके साथ है. ऐसा नहीं होना चाहिए कि जब कोई और इस आज़ादी का इस्तेमाल करे तो आपको तकलीफ पहुंचे. तब वही लोग शिकायत करेंगे: आप ऐसा क्यों करते हैं? सहनशीलता, शांति, और धैर्य का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. कभी कभी आपके गुणों को भी, आपकी कमी समझ लिया जाता है.
राय, जो विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि वो इस मामले को नज़रअंदाज़ करने को तैयार हैं, लेकिन साथ ही ये भी कहा, कि हर कोई ऐसा नहीं कर पाएगा.
‘आप एक लड़की का नाम ले रहे हैं. अगर कोई कुछ कह देगा तो आप कहेंगे, कि आप लड़की पर टिप्पणी कर रहे हैं. इसलिए भगवान उनका भला करे. सिर्फ इसलिए कि मैं उदार हूं, और इसे नज़र अंदाज़ करने को तैयार हूं, इसका मतलब ये नहीं है कि हर कोई ऐसा करेगा’.
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हम उदार हैं तो इस उदारता का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए. ज़रूरी नहीं है कि अगर मैं उदार हूं, तो मेरा बेटा भी उदार होगा. इसलिए होशियार रहिए’.
वीएचपी लीडर ने कहा: ‘सब लोग एक जैसे नहीं होते. जो लोग अपने आपको समझदार मानते हैं, सिर्फ उन्हीं को आगे आकर ऐसे मुद्दों पर बोलना चाहिए. हमें कुछ नहीं कहना चाहिए, क्योंकि अगर हम बोलेंगे तो उससे समस्याएं खड़ी हो सकती हैं’.
य़ह भी पढ़ें: MP में राम मंदिर का चंदा इक्ट्ठा कर रहे स्वयंसेवकों ने संघ और विहिप के निर्देशों को ताक पे रखा
राम मंदिर चंदे की फर्ज़ी रसीदें
राय ने राम मंदिर के लिए फर्ज़ी रसीदों के ज़रिए, धोखाधड़ी से दान अभियान चलाए जाने के बारे में भी बात की.
उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर संस्था के नाम पर अलग से रसीदें छपवाकर, राम मंदिर के नाम से अवैध तरीक़े से पैसा इकठ्ठा करना, पूरी तरह से ग़लत है. ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक बिलासपुर से है. लेकिन, अच्छी बात ये है कि प्रशासन ख़ुद काफी सक्रिय है’.
अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के लिए दान अभियान, मंदिर न्यास के नेतृत्व में ‘निधि संकल्प संग्रह’ नाम से चलाया जा रहा है, जो 27 फरवरी तक चलेगा.
राय के अनुसार, इस अभियान को सभी वर्गों की ओर से, व्यापक समर्थन और समर्पण देखने को मिला है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे काफी धनराशि प्राप्त हुई है, लेकिन ये कहना मुश्किल है कि अभी तक कितना पैसा आया है. गोविंद देव गिरी जी (न्यास के कोषाध्यक्ष) ने कहा है, कि क़रीब 1,500 करोड़ की राशि बैंकों में आ चुकी है, इसलिए मुझे भी लगता है कि उतनी आ गई होगी. राम मंदिर तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा’.
राय ने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों को ‘जय श्रीराम’ के नारे पर कोई आपत्ति नहीं थी, और दरअस्ल ये सरकार थी, जो उसे एक मुद्दा बना रही थी.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: उमा भारती ने बीजेपी-शासित राज्यों में किया शराबबंदी का आह्वान, पार्टी प्रमुख नड्डा से की अपील