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Monday, 13 May, 2024
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मुम्बई पुलिस ऑफिसर वाज़े के पास थी अंबानी के घर के बाहर मिली स्कोर्पियों – मृत कार मालिक की पत्नी का दावा

मनसुख हिरेन, जो इस स्कॉर्पियो के मालिक थे और घटना के बाद मृत पाए गए, की पत्नी विमला हिरेन ने पुलिस को बताया है कि सचिन वाजे ने तीन महीने से यह कार अपने ‘निजी इस्तेमाल’ के लिए ले रखी थी.

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मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक भरी स्कॉर्पियो कार पिछले तीन माह से मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के कब्जे में थी. यह आरोप मृत पाए गए कार मालिक मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन ने मुंबई एटीएस को दिए अपने बयान में लगाया है.

ऑटो पार्ट्स डीलर हिरेन को 5 मार्च को मुंब्रा क्रीक मृत पाया गया था और उसके मुंह में पांच-छह रूमाल ठुंसे हुए थे. यह घटना तब हुई जब वह अपनी दुकान से निकलकर उक्त मामले के संबंध में कथित तौर पर एक पुलिस अधिकारी से मिलने गया था.

विमला हिरेन ने पुलिस को दिए अपने बयान (मराठी में), जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, में आरोप लगाया है कि उन्हें ‘पूरा संदेह’ है कि यह वाजे ही है जिसने उसके पति की हत्या की. उसने यह भी दावा किया है कि वाजे ने हिरेन को खुद को गिरफ्तार करा लेने को कहा था और उससे यह भी कहा था कि वह कुछ दिनों में उसकी जमानत करा देगा. प्राथमिकी की एक प्रति दिप्रिंट के पास मौजूद है.

विमला का दावा है कि हिरेन ने इस मामले पर उसकी राय पूछी थी.

सहायक पुलिस इंस्पेक्टर वाजे, अभी क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में सेवारत हैं और बतौर जांच अधिकारी (आईओ) 25 फरवरी को अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो, जिसमें 20 जिलेटिन की छड़ें थीं और एक धमकी भरा नोट था, मिलने के मामले की जांच कर रहे थे. हालांकि, बिना किसी औपचारिक स्पष्टीकरण के उनकी जगह बतौर आईओ किसी अन्य अधिकारी को तैनात कर दिया गया है.

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दिप्रिंट ने कई बार वाजे को कॉल किया और व्हाट्सएप मैसेज के जरिये संपर्क की भी कई कोशिशें कीं लेकिन यह रिपोर्ट प्रकाशित होने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा को संबोधित करते हुए हिरेन की मौत के मामले में वाजे को धारा 102 (सबूत नष्ट करना) के तहत गिरफ्तार किए जाने की मांग की.

फडणवीस ने कहा, ‘सचिन वाजे को दंडित किया जाना चाहिए. आप उन्हें सबूत नष्ट करने का मौका दे रहे हैं. और सिर्फ इसलिए कि वह (वाजे) एक खास राजनीतिक दल (शिवसेना के संदर्भ में) में शामिल हुए हैं, उन्हें बचाया जा रहा है. उन्हें पुलिस बल में भी कैसे रखा गया है? उन्हें तो सबसे पहले निलंबित किया जाना जरूरी है.’

विस्फोटकों भरी स्कॉर्पियो और धमकी वाले संदेश के मामले को सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया, जबकि मुंबई एटीएस मनसुख हिरेन की कथित हत्या की जांच कर रही है.


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‘वाजे एक नियमित क्लाइंट और सलाहकार था’

विमला ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि वाजे उसके यहां का नियमित क्लाइंट और हिरेन का दोस्त था और विवादों में घिरी स्कॉर्पियो कार गत नवंबर से ‘निजी इस्तेमाल’ के लिए उसके पास ही थी.

उसने पुलिस को बताया कि वाजे ने 5 फरवरी को यह कहते हुए कार ठाणे स्थित उनकी दुकान पर भेजी थी ‘स्टेयरिंग काम नहीं कर रहा’ है.

उसने यह भी कहा कि विस्फोटक से लदा वाहन हिरेन का होने की बात सामने आने पर वाजे कई बार उसके साथ क्राइम ब्रांच भी गया और वही ऐसा व्यक्ति था जो उसे ‘सलाह’ दे रहा था.

विमला की शिकायत के अनुसार, 17 फरवरी को हिरेन ने ठाणे से मुंबई जाने के लिए इस कार का इस्तेमाल किया. मुलुंड टोल नाका पार करने के बाद कार खराब हो गई और उसने उसे वहीं पार्क किया और ओला या उबर लेकर चला गया.

विमला ने आगे बताया कि 18 फरवरी को जब हिरेन उस जगह पहुंचा जहां उसने कार पार्क की थी तो वह गायब हो चुकी थी.

उसने अपने बयान में कहा, ‘उसके साथ दुकान का एक कर्मचारी था. उसी दिन उन्होंने विक्रोली पुलिस स्टेशन में गुमशुदा कार के बारे में शिकायत दर्ज कराई.’

उनके बयान के अनुसार, 25 फरवरी को जब एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार मिली तो एटीएस के एक पुलिस निरीक्षक सलवी ने हिरेन को उनकी हाउसिंग सोसाइटी के पोर्च में बुलाया और उन्हें कार की तस्वीरें दिखाईं.

उनके बयान के मुताबिक, ‘सलवी ने उसे एंटीलिया के बाहर कार की तस्वीरें दिखाईं और हिरेन ने उसे बताया कि यह उसकी चोरी गई कार थी.’

उसने आगे बताया कि इसके तुरंत बाद हिरेन ने वाजे को फोन किया और 26 फरवरी को वाजे के साथ क्राइम ब्रांच गया. उन्होंने बयान में कहा, ‘वह वाजे के साथ ही क्राइम ब्रांच गए और उनके साथ ही रात 10:30 बजे घर लौटे.’

उन्होंने आगे बताया कि 28 फरवरी को हिरेन फिर से वाजे के साथ गए और वाजे के हस्ताक्षर के साथ अपने बयान वाले दस्तावेज की एक प्रति लेकर लौटे.

वाजे के कहने पर ही मुख्यमंत्री, गृहमंत्री से शिकायत की

विमला ने आरोप लगाया कि 2 मार्च को वाजे ने ही उनके पति से कहा कि वह मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और ठाणे और मुंबई के पुलिस आयुक्तों को एक शिकायत भेजकर कहें कि उन्हें पुलिस और मीडिया की तरफ से परेशान किया जा रहा है.

उसने आगे बताया कि हिरेन ने उसे बताया कि वाजे चाहता है कि वह खुद को गिरफ्तार करा ले, साथ ही जोड़ा कि उसने अपने पति को इस मामले पर किसी और की भी राय लेने की सलाह दी थी.

उसके बयान के मुताबिक, ‘जिस दिन मेरे पति ने मुझे बताया कि वाजे ने उनसे कहा है कि वे इस मामले में खुद को गिरफ्तार करा लें और वह 2-3 दिन में उन्हें जमानत दिला देंगे. मैंने उनसे कहा था कि गिरफ्तारी न दें और किसी और से सलाह ले लें.’

विमला के मुताबिक, हिरेन लापता होने से एक रात पहले घोड़बंदर रोड पर एक पुलिसकर्मी से मिलने गया था. उसने यह भी दावा किया है कि हिरेन उसी दिन वाजे से भी मिला था.

उसके बयान के मुताबिक, ‘4 मार्च को मेरे पति रात 8:30 बजे घर आए लेकिन बताया कि उन्हें फिर बाहर जाना है. उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें कांदिवली से तावड़े नामक एक पुलिसकर्मी का फोन आया था. मेरे पति ने तब मुझे बताया कि वह अपने एक परिचित पुलिसकर्मी से सलाह लेने के लिए घोडबंदर रोड पर जा रहे हैं.’

बयान के मुताबिक, ‘उन्होंने एक रिक्शा लिया. जब वह रात 11 बजे तक नहीं लौटे तो मैंने उनका फोन मिलाया, लेकिन वह स्विच ऑफ था. मेरे पति ने मेरे बेटे से कहा था कि अगर कोई पुलिसकर्मी उसे (बेटे को) बुलाए तो वह सचिन वाजे को फोन करे.’

(अरुण प्रशांत द्वारा संपादित)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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