बेंगलुरुः कर्नाटक में जब से जेडी (एस) और कांग्रेस की सरकार बनी है तब से उस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. अब जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए की केंद्र की सत्ता में भारी वापसी हुई है तब से यह संकट और बढ़ गया है. कर्नाटक के एचडी कुमारस्वामी की सरकार के अस्थिर होने का खतरा दिख रहा है. जेडी(एस) की सहयोगी कांग्रेस के दो विधायकों पर भाजपा से संपर्क साधने की अटकलें हैं. वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा पर हमला बोला है.
सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा है कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कर्नाटक की कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार या विघटन नहीं होगा.
सिद्धारमैया ने कहा राज्य के लोगों ने उन्हें (एनडीए) जनादेश केंद्र में सरकार चलाने के लिए दिया है. राज्य में बीजेपी के 28 लोकसभा में से 25 सीटें जीतने के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा था ‘राष्ट्र के लोगों ने बीजेपी को जनादेश केंद्र में सरकार चलाने के लिए दिया है न कि कर्नाटक सरकार को गिराने के लिए. चुनाव नतीजे हमारे खिलाफ हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि राज्य की विधानसभा भंग हो, यह बेवकूफाना है.’
उनका यह बयान कांग्रेस के दो विधायकों रमेश जार्कीहोली और के सुधाकर द्वारा रविवार को बेंगलुरु में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे एसएम कृष्णा के आवास पर बीजेपी नेता आर अशोक से मिलने के बाद आया है.
हालांकि, विधायकों ने स्पष्ट किया कि हाल ही में हुए चुनावों में भाजपा की सफलता पर कृष्णा के निवास पर उन्हें बधाई देने के लिए गए थे, मीटिंग को लेकर कहा, ‘कुछ भी राजनीतिक नहीं’ था.
भाजपा नेता बसवराज इंगिन ने आरोप लगाया कि शासन जेडी (एस) देवेगौड़ा के परिवार तक सीमित है. इंगिन ने कहा, ‘कर्नाटक में कोई राजनीतिक प्रगति नहीं हुई है. न तो गठबंधन टूट रहा है और न आगे बढ़ रहा है. केवल देवेगौड़ा परिवार और राहुल गांधी गठबंधन को जारी रखना चाहते हैं. दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गठबंधन को बनाये रखने में कोई दिलचस्पी नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘शासन देवगौड़ा जी के परिवार तक सीमित है. सरकार राज्य के सूखे के समाधान को लेकर गंभीर नहीं है. वे केवल उनके साथ सत्ता बनाए रखने में रुचि रखते हैं.
हालांकि, कर्नाटक के गृह मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि जेडी (एस)-कांग्रेस सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.
उन्होंने कहा, ‘यह गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही है. हमारा कोई भी विधायक भाजपा में नहीं जाएगा. भाजपा की इस गतिविधि से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यह सरकार मिले विश्वास का लुत्फ उठाएगी. यह अपना कार्यकाल पूर्ण करेगी. यह सरकार जीवित रहेगी. कोई भी सरकार को गिरा नहीं सकता.’
कांग्रेस विधायक महेश कुमथल्ली, जो पार्टी की गतिविधियों से दूर रहते हैं, ने कहा, वह पार्टी में बने रहेंगे. ‘मेरी मंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है. मैं कांग्रेस में बना हुआ हूं. कोई झगड़ा नहीं है.’
सरकार पर इसी तरह के सवाल के बारे में पूछे जाने पर, कर्नाटक के मंत्री आरवी देशपांडे ने कहा, ‘सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. मुझे नहीं लगता कि स्थिरता को लेकर कोई समस्या है. यदि वह (येदियुरप्पा) नए चुनाव चाहते हैं तो फ्लोर टेस्ट में हारना होगा.’
कर्नाटक के मंत्री और जेडीएस नेता बंदेपा काशमपुर ने आज भाजपा पर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया.’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा पहले दिन से हमारी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है. वे इसमें सफल नहीं हो रहे हैं.’
कर्नाटक में बढ़ते राजनीतिक घटनाक्रम के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई ने 29 मई को बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई है.
सिद्धारमैया के साथ, उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वरा, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव भी बैठक में उपस्थित रहेंगे. 225 सदस्यीय विधानसभा में 105 सदस्यों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के पास कांग्रेस के 79 विधायकों के साथ 117 सदस्य हैं, जिसमें जेडी (एस) के 37 और बीएसपी के 1 सदस्य है.
वहीं इससे पहले भी राज्य में भाजपा पर कांग्रेस-जेडी(एस) के विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगते रहे हैं. जेडी (एस)-कांग्रेस ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा अपने विधायकों को गड़गांव के रिजार्ट में ठहरा चुके हैं.