नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 31 दिसंबर, 2020 तक कोविड-19 से संबंधित 56.79 लाख अग्रिम के दावों का निपटान कर 14,310 करोड़ रुपये का वितरण किया है. ईपीएफओ के अंशधारकों को यह अग्रिम लौटाने की जरूरत नहीं होगी. इन आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी से देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल पर कितना असर पड़ा है.
कोरोनावायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था. उस समय केंद्र सरकार ने ईपीएफओ के छह करोड़ से अधिक अंशधारकों को अपने खातों से तीन माह के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर राशि निकालने की अनुमति दी थी.
एक सूत्र ने बताया कि ईपीएफओ ने 31 दिसंबर, 2020 तक 56.79 लाख निकासी दावों का निपटान कर 14,310 करोड़ रुपये का वितरण किया है.
सूत्र ने बताया कि ईपीएफओ ने 31 दिसंबर, 2020 तक अंतिम निपटान, मृत्यु, बीमा और अग्रिम के 197.91 लाख दावों का निपटान कर 73,288 करोड़ रुपये का वितरण किया है.
इस अवधि में वितरित की गई कुल राशि में से करीब 20 प्रतिशत कोविड-19 अग्रिम से संबंधित है.
सूत्र का कहना है कि कोविड-19 अग्रिम दावों से पता चलता है कि इस महामारी से देश का संगठित क्षेत्र का कार्यबल बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस दौरान बड़े पैमाने पर लोगों ने रोजगार गंवाया है. बड़ी संख्या में लोगों के वेतन में कटौती हुई तथा जबरिया पलायन भी हुआ है.
केंद्र ने महामारी की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) शुरू की थी. इसके अलावा सरकार ने ईपीएफ योजना से निकासी की सुविधा भी प्रदान की थी.
सूत्रों ने बताया कि इस अवधि के दौरान निजी ईपीएफ न्यासों ने 4.19 लाख कोविड-19 अग्रिम दावों का निपटान कर 3,983 करोड़ रुपये का वितरण किया है.
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