नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) रेल मंत्रालय ने जोनल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आपातकालीन कोटे के तहत रेलगाड़ियों में सीट या बर्थ आरक्षण के लिए ट्रेवल एजेंट से प्राप्त किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। मंत्रालय का यह निर्देश इस कोटे के दुरुपयोग की आई शिकायतों के बाद आया है।
मंत्रालय ने सभी 17 रेलवे जोन के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों को लिखे एक लिखित निर्देश में कहा, ‘‘आपातकालीन कोटे से अनधिकृत रूप से सीट आवंटित करने के प्रयास के मामले इस कार्यालय के संज्ञान में लाये गए हैं।’’
मंत्रालय ने आपातकालीन कोटे से सीट आवंटित करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए 2011 में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे और जब भी उसे इसके दुरुपयोग के बारे में शिकायतें प्राप्त होती हैं, तो वह संबंधित अधिकारियों के अनुपालन के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं को दोहराता है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘आपातकालीन कोटा आवंटन के संबंध में समय-समय पर जारी मौजूदा दिशानिर्देशों का सही भावना से पालन किया जाना चाहिए।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘आपातकालीन कोटे से सीट आवंटित करने के लिखित अनुरोध पर राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर होने चाहिए।’’ मंत्रालय के अनुसार, आपातकालीन कोटे से सीट आवंटित करने का अनुरोध प्राप्त होने के बाद, हस्ताक्षरकर्ता से उसका नाम, पदनाम, टेलीफोन नंबर/मोबाइल नंबर और यात्रियों में से किसी एक का मोबाइल नंबर बताने के लिए कहा जाना चाहिए।
इसने आगे सलाह दी है कि प्रत्येक अधिकारी/अनुभाग/महासंघ आपातकालीन कोटे के लिए आवेदन और उसके विवरण दर्ज करने के लिए एक रजिस्टर बनाएगा, जिसमें सभी ऐसे अनुरोधों को डायरी में दर्ज किया जाएगा, जिसमें यात्रा का पूरा विवरण और यह भी दर्शाया जाएगा कि अनुरोध किस स्रोत से प्राप्त हुआ है।
अधिकारियों को अनुचित अनुरोधों से बचने के लिए आगाह करते हुए मंत्रालय ने कहा, ‘‘ट्रेवल एजेंट से प्राप्त आपातकालीन कोटे से सीट आवंटित करने के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा।’’
मंत्रालय ने अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने तथा आरक्षण कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और दलालों के बीच सांठगांठ को रोकने के लिए पीआरएस (यात्री आरक्षण प्रणाली) केंद्रों का समय-समय पर निरीक्षण करने का भी सुझाव दिया है।
भाषा धीरज सुरेश
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