नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने शुक्रवार को कहा कि अंग्रेजी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि एकता का सूत्र और ऐसा साधन है जो लाखों भारतीयों को ‘‘सुलभता, अवसर और उन्नति का वादा करता है।’’
उन्होंने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि भारत में 21 भाषाएं और 19,500 बोलियां हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंग्रेजी बोलने से कोई कम भारतीय नहीं हो जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘बल्कि, यह भारतीयों को वैश्वीकृत दुनिया में अधिक तैयार और अधिक जुड़ा हुआ बनाती है।’’
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि अंग्रेजी और इसकी समानता लाने वाली क्षमता को खारिज करना उन भारतीयों के संघर्षों और आकांक्षाओं को खारिज करना है, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से अदृश्य रखा गया है।
ओब्रायन ने अंग्रेजी पर गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों के संदर्भ में कहा, ‘‘भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में अंग्रेजी सिर्फ एक भाषा ही नहीं है, यह एकता का सूत्र है। लाखों भारतीय जो हाशिये पर अपना जीवन जीने को मजबूर हैं, उनके लिए अंग्रेजी एक साधन है। एक ऐसा साधन जो सुलभता, अवसर और उन्नति का वादा करता है।’’
उन्होंने कहा कि हमारे पूरे इतिहास में अंग्रेजी एक सहयोगी रही है जिसका उपयोग उपनिवेशवाद से लड़ने, संस्थानों का निर्माण करने और भारत को दुनिया से जोड़ने के लिए एक साधन के रूप में किया गया है।
केंद्र सरकार के राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अतीत में भाषा का इस्तेमाल भारत को विभाजित करने के साधन के रूप में किया गया और मोदी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारतीय भाषाएं देश को एकजुट करने का एक सशक्त माध्यम बनें।
शाह ने यह भी कहा कि हिंदी किसी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं है, बल्कि यह सभी भारतीय भाषाओं की सखी है और देश में किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए।
भाषा गोला वैभव
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