अमरावती, 25 जनवरी (भाषा) आंध्र प्रदेश में मंगलवार को सैकड़ों कर्मचारियों और शिक्षकों ने वेतन संशोधन आदेश को वापस लेने की मांग को लेकर सड़क पर मार्च निकाला। इस दौरान पीआरसी संघर्ष समिति के नेता पांच सदस्यीय सरकारी समिति से बात करने से दूर रहे, जिसका गठन गतिरोध खत्म करने के लिए गया है।
इस बीच, वित्त विभाग ने मंगलवार को नया सर्कुलर जारी करके राजस्व, वेतन और लेखा अधिकारियों को निर्देश दिया कि समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए संशोधित वेतनमान 2022 के अनुसार वेतन और पेंशन बिल (जनवरी महीने के लिए) बनाएं। मंत्री बोत्सा सत्यनारायण, पर्नी वेंकटरमैया और सरकारी सलाहकार (सार्वजनिक मामलों) एसआरके रेड्डी की सदस्यता वाली समिति ने दूसरे दिन भी पीआरसी संघर्ष समिति के नेताओं से बातचीत की प्रतीक्षा की, लेकिन वे नहीं मिले। इसके विपरीत संघर्ष समिति के कुछ सदस्यों ने बोत्सा और अन्य लोगों से मुलाकात करके उन्हें एक पत्र दिया, जिसमें उनकी तीन मुख्य मांगों को पूरा किए जाने पर ही बातचीत करने का संकल्प व्यक्त किया गया था। कर्मचारी वेतन संशोधन शासनादेश को वापस लेने या उन्हें स्थगित रखने, आशुतोष मिश्रा आयोग की सिफारिशों की रिपोर्ट सौंपने और पुराने वेतनमान के अनुसार जनवरी महीने का वेतन भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सोमू वीरराजू और अन्य नेता आंदोलनकारी कर्मचारियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए विजयवाड़ा स्थित पार्टी मुख्यालय पर विरोध जताया। वीरराजू ने कहा, ‘‘कर्मचारियों को सड़क पर धकेलने का श्रेय (मुख्यमंत्री) जगन को जाता है। यह सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने की स्थिति में भी नहीं है।’’
भाषा संतोष दिलीप
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