इम्फाल, 11 अगस्त (भाषा) मणिपुर सरकार ने अपने कर्मचारियों को उन सोशल मीडिया समूहों से बाहर निकलने का निर्देश दिया है, जो ”अलगाववादी”, ”राष्ट्र-विरोधी” और ”सांप्रदायिक” एजेंडे के प्रचार में लिप्त हैं।
विशेष सचिव (गृह) एच. ज्ञान प्रकाश ने बुधवार देर रात जारी एक पत्र में कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 12 अगस्त शाम छह बजे तक व्हाट्सएप और फेसबुक पर ऐसे समूहों से बाहर निकलना होगा।
पत्र में कहा गया है, ”यह देखा गया है कि सोशल मीडिया मंच जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप आदि पर कई औपचारिक और अनौपचारिक समूह अलगाववादी, राष्ट्र-विरोधी, राज्य-विरोधी, असामाजिक, सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं, जिनसे राज्य के मौजूदा शांतिपूर्ण सामाजिक सद्भाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर प्रभाव पड़ता है।”
पत्र में कहा गया है, ”जानकारी मिली है कि कई वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई सरकारी अधिकारी अनजाने में या जानबूझकर इन समूहों के सदस्य हैं, जो इस तरह के अलगाववादी, राष्ट्र-विरोधी, राज्य-विरोधी, असामाजिक और विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं।”
पत्र में कहा गया है कि इन समूहों के सदस्य, अपने संबंधित एजेंडे को फैलाने और आगे बढ़ाने के लिए, झूठी सूचना, अभद्र भाषा और वीडियो के प्रचार में लिप्त हैं, और ऐसी जानकारी भी साझा करते हैं जो सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए।
सरकार ने अपने कर्मचारियों से कहा कि ऐसे समूहों से बाहर नहीं निकलने पर अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 और केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 के कुछ प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
आदिवासी बहुल पर्वतीय जिलों के लिए अधिक स्वायत्तता की मांग को लेकर पिछले सप्ताह राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद सरकार ने दो दिनों से अधिक समय के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था।
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जोहेब प्रशांत
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