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गुरूवार, 24 अप्रैल, 2025
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शिक्षा पद्धति में भारतीय संस्कृति एवं आधुनिक शिक्षा के तत्व समाहित हों : डा. सुभाष सरकार

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नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डा. सुभाष सरकार ने बुधवार को कहा कि ज्ञान केंद्रित 21वीं सदी में देश में ऐसी शिक्षा पद्धति जरूरी है जो भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी हो और जिसमें आधुनिक शिक्षा के तत्व भी समाहित हों ।

मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस पर पूरी तरह से खरी उतरती है और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) प्रौढ़ शिक्षा सहित सभी को शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सराहनीय योगदान दे रहा है।

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के 33वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी ज्ञान की सदी है और नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति सभी को शिक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण आधार है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बहुभाषी, बहुविषयक और समग्र शिक्षा के तीन आधार स्तंभों पर खास जोर दिया गया है ताकि आज के बच्चों को पोषित, प्रेरित एवं विकसित किया जा सके ।

डा. सरकार ने कहा कि ऐसा इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी जो बच्चे 5-15 वर्ष आयु वर्ग के हैं, वे तब युवा हो जायेंगे जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मना रहा होगा और इन्हीं के कंधे पर राष्ट्र निर्माण का कार्य रहेगा ।

उन्होंने कहा कि एनआईओएस ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से पूरा किया है जिसमें बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन में 7 करोड़ छात्रों को प्रमाणन प्रदान करना, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार पेश करना आदि शामिल हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में देश में ऐसी शिक्षा पद्धति जरूरी है जो भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी हो और जिसमें नये घटनाक्रम पर आधारित आधुनिक शिक्षा के तत्व समाहित हों ।

उन्होंने कहा कि एनआईओएस ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है । संस्थान ने शिक्षा प्राप्त करने वालों, शिक्षकों, पाठकों के लिये ई लाइब्रेरी प्लेटफार्म, वर्चुअल प्लेटफार्म शुरू किया है । साथ ही दीक्षा प्लेटफार्म पर भी छात्रों के लिये सामग्री उपलब्ध करायी गई है।

इस अवसर पर एनआईओएस की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान की भूमिका एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में उसके प्रयासों का उल्लेख किया ।

उन्होंने कहा कि संस्थान ने वर्चुअल ओपन स्कूल, डिजिटल लाइब्रेरी, अग्निवीर परियोजना के लिये रक्षा मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन, मुक्त कौशल केंद्रों की स्थापना, भारतीय ज्ञान परंपरा के विषय का विस्तार जैसे कदम उठाये ।

प्रो. शर्मा ने कहा कि एनआईओएस ने विदेशों में ‘भारतीय समुदाय’ के लिये ‘आरंभिका’ नाम से पाठ्यक्रम भी तैयार किया है।

इस कार्यक्रम में शिक्षा राज्य मंत्री डा. सुभाष सरकार ने एनआईओएस की छमाही पत्रिका ‘प्रज्ञान’ का विमोचन भी किया ।

भाषा दीपक पवनेश

पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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