scorecardresearch
Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशतपोवन की सुरंग में फंसे 30-35 श्रमिकों को बचाने की कोशिश जारी, ITBP के बचावकर्मियों ने कई को निकाला

तपोवन की सुरंग में फंसे 30-35 श्रमिकों को बचाने की कोशिश जारी, ITBP के बचावकर्मियों ने कई को निकाला

चमोली पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा है कि अबतक 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है जबकि 14 लोगों के शव अलग अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं.

Text Size:

देहरादून,/तपोवन : उत्तराखंड में धौली गंगा नदी पर स्थित तपोवन- विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे 30-35 श्रमिकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. एक अधिकारी ने रविवार देर रात यह जानकारी दी.

हालांकि, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मियों ने उस तपोवन विद्युत परियोजना क्षेत्र में स्थित एक सुरंग से एक-एक करके कई व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकाला जो रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में एक ग्लेशियर के टूटने से आई बाढ़ से बह गई थी.

चमोली पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लिया जाएगा. टनल में मलवा भर जाने के कारण उसके अंदर जाने में परेशानी हो रही है.

चमोली पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा है कि अबतक 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है जबकि 14 लोगों के शव अलग अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं.

आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा कि ‘हमने दूसरी सुरंग में खोज अभियान तेज कर दिया है. हमें जानकारी है कि लगभग 30 लोग वहां फंसे हुए हैं. सुरंग को साफ करने के लिए लगभग 300 आईटीबीपी के जवान तैनात हैं. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि लगभग 170 लोग लापता हैं.’

अधिक से अधिक लोगों को बचाने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीम मिल कर काम कर रही है. एनडीआरएफ प्रमुख एस एस प्रधान ने बताया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में केनाइन दस्ते को भी शामिल किया गया है.

आईटीबीपी ने इस अभियान का एक वीडियो साझा किया. इस वीडियो में बचावकर्मी सुरंग से एक रस्सी के जरिये व्यक्तियों को सुरंग से बाहर निकालते हुए ‘दम लगाके हइशा’ बोलते नजर आ रहे हैं.

मौके पर मौजूद लोग बचावकर्मियों को ‘बहुत बढ़िया’, ‘शाबाश’, ‘जो बोले सो निहाल’ और ‘जय हो’ के नारों के साथ प्रेरित करते दिख रहे हैं.

सुरंग से बचाए गए श्रमिकों में से एक को एक लंबी छलांग लेते देखा गया. वहीं आईटीबीपी के जवानों ने उसकी पीठ इसके लिए थपथपायी कि आपदा की चपेट में आने और कीचड़ में सने होने के बावजूद उसने धैर्य और धीरज का परिचय दिया.

परियोजना क्षेत्र में काम करने वाले एक स्थानीय ने कहा, ‘अपना भाई आ गया’. वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘नयी ज़िन्दगी मिली’ (उन्हें जिन्हें बचाया गया).

सुरक्षा उपकरण और हेलमेट पहने कर्मियों वाली बल की कई टीमों को जोशीमठ स्थित आईटीबीपी की पहली बटालियन बेस से और औली स्थित आईटीबीपी पर्वतारोहण एवं स्कीइंग संस्थान से तपोवन बिजली परियोजना स्थल पर खोज और बचाव कार्यों के लिए भेजा गया था.

आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने दिल्ली में कहा कि जोशीमठ बेस पर तैनात बल के कर्मियों ने पूर्वाह्न 10:45 बजे के बाद ‘‘एक बड़े धमाके और लोगों की चीख’’ सुनी. यह आवाज तब सुनी गई जब चमोली के रेनी गांव के पास दो बांध स्थलों पर पानी की तेज धार पहुंची.

पांडेय ने कहा, ‘अब तक कुल 12 श्रमिकों को सुरंग स्थल से बचाया जा चुका है. एक दूसरी सुरंग भी है जहां बचाव दल के लोग काम कर रहे हैं.’

उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है.

नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण उत्तराखंड में आई आपदा के बाद धौली गंगा नदी का जलस्तर रविवार की रात एक बार फिर बढ़ गया. इसके चलते आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों में घबराहट पैदा हो गई.

रविवार रात करीब आठ बजे अचानक धौली गंगा का जलस्तर बढ़ जाने के चलते अधिकारियों को एक परियोजना क्षेत्र में जारी राहत एवं बचाव कार्य को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा.

परियोजना के महाप्रबंधक अहिरवार ने कहा कि जलविद्युत परियोजना क्षेत्र की एक सुरंग में श्रमिकों एवं अन्य कर्मचारियों समेत करीब 30-35 लोगों के फंसे होने की आशंका है.

उन्होंने कहा कि सुरंग को खोलने के लिए मलबे को हटाने के वास्ते जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है.


यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ के बाद 16 मजदूरों को बचाया गया, 125 लोग अब भी लापता


 

share & View comments