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Tuesday, 26 August, 2025
होमदेशअनावश्यक या बार-बार आने वाले आरटीआई आवेदनों को छांटने के प्रयास किए जाने चाहिए: सिंह

अनावश्यक या बार-बार आने वाले आरटीआई आवेदनों को छांटने के प्रयास किए जाने चाहिए: सिंह

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नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि अधिकांश सरकारी आदेश और निर्णय पहले से ही आधिकारिक वेबसाइटों पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं, लिहाज़ा सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत अनावश्यक या बार-बार आने वाले आवेदनों को छांटने के प्रयास किए जाने चाहिए।

सिंह ने कहा कि साथ ही कुशल समाधान के लिए मानदंडों और मानक संचालन प्रक्रियाओं को मजबूत बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने यहां केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में भारतीय राष्ट्रीय सूचना आयोग महासंघ (एनएफआईसीआई) की 15वीं वार्षिक आम सभा की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।

सिंह ने नागरिक-केंद्रित शासन के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और सूचना के सार्वजनिक प्रकटीकरण को बढ़ावा देने के लिए पिछले दशक में सरकार द्वारा किए गए प्रयास को रेखांकित किया।

उन्होंने आरटीआई कानून के तहत दायर मामलों का लगभग 100 प्रतिशत निपटान करने के लिए केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) एवं राज्य सूचना आयोगों की प्रशंसा की।

मंत्री ने कहा कि ज्यादातर सरकारी आदेश और फैसले पहले से ही आधिकारिक वेबसाइटों पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं जिससे बार-बार आरटीआई आवेदन दायर करने की ज़रूरत कम हो गई है।

कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, उन्होंने सुझाव दिया कि अनावश्यक या बार-बार आने वाले आवेदनों को छांटने के प्रयास किए जाने चाहिए, साथ ही कुशल समाधान के लिए मानदंडों और मानक संचालन प्रक्रियाओं को मजबूत बनाया जाना चाहिए।

सिंह ने अभिनव ‘ह्यूमन डेस्क’ प्रयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि निपटान महत्वपूर्ण है, लेकिन नागरिक प्रसन्नता सूचकांक भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

सिंह ने ‘आरटीआई जर्नल’ का नवीनतम संस्करण भी जारी किया तथा एनएफआईसीआई की वेबसाइट पर एक ‘ई-जर्नल’ का अनावरण भी किया।

भाषा नोमान रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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