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गुरूवार, 5 जून, 2025
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ऐसे प्रयास किए जाएं कि भारत, पाकिस्तान को एक ही पलड़े में नहीं तौला जाए: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) कांग्रेस ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में दो जिम्मेदारियां मिलने पर बृहस्पतिवार को चिंता जताई और कहा कि सरकार द्वारा ऐसे कूटनीतिक प्रयास किए जाएं कि वैश्विक स्तर पर भारत और पाकिस्तान को एक ही पलड़े में नहीं तौला जाए।

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को दो अहम जिम्मेदारियां मिलना भारतीय विदेश नीति के पतन की दुखद दास्तां है, लेकिन वैश्विक समुदाय पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के प्रायोजन को लगातार वैध ठहराना कैसे जारी रख सकता है?

पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष और यूएनएससी आतंकवाद विरोधी समिति के उप प्रमुख की जिम्मेदारी मिली है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘‘कांग्रेस अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद पर भारत के रुख को समझने और उसका समर्थन करने का आह्वान करती है। पाकिस्तान आतंक का जनक है। भारत आतंक का शिकार है। दोनों की बराबरी नहीं की जा सकती। उन्हें एक तराजू के एक ही पलड़े में नहीं रखा जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि आईएमएफ, एडीबी और विश्व बैंक द्वारा ऋण और प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी देने या इसका निर्णय लेने से केवल पाकिस्तान के सैन्य खर्च में वृद्धि होगी, जिसका उपयोग उसकी सेना भारतीय नागरिकों के खिलाफ आतंक फैलाने के लिए करती है।

कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति के उप प्रमुख और 2025 के लिए तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में पाकिस्तान का नामकरण अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है।

खरगे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के मामले में गुण-दोष देखना चाहिए कि पाकिस्तान को उसके आतंकी वित्तपोषण की निगरानी के लिए एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस शामिल किया जाना चाहिए।

उन्होंने इस बात का उल्लेख्र किया, ‘‘पाकिस्तान को 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमनोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के समय भारत के राजनयिक प्रयासों के बाद 2008 में पहली बार ग्रे सूची में डाला गया था और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तहत और फिर 2012 में शामिल किया गया था। यह तीन बार ग्रे सूची में रहा है, आखिरी बार 2018 में था।’’

खरगे ने इस बात पर जोरे दिया कि पाकिस्तान को उसके पापों के लिए जवाबदेह बनाना न केवल भारत के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हितों के लिए जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘‘शायद यह याद दिलाने की जरूरत है कि 9/11 हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पाया गया और खत्म कर दिया गया। 9/11 की योजना बनाने वाला खालिद शेख मोहम्मद भी ​​पाकिस्तानी था।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘एक जिम्मेदार विपक्षी दल के रूप में, हम अपनी सरकार से इसके लिए उचित और दृढ़ कूटनीतिक कदम उठाने का आग्रह करते हैं कि वैश्विक स्तर पर भारत और पाकिस्तान को एक ही पलड़े में नहीं तौला जाए।’’

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 9 मई को आईएमएफ ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर दिए। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद विश्व बैंक ने पाकिस्तान को 40 अरब डॉलर देने का फैसला किया। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद 3 जून को एडीबी ने पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर दिए।’

उन्होंने कहा कि अब 4 जून को पाकिस्तान को यूएनएससी तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष और यूएनएससी आतंकवाद विरोधी समिति के उप प्रमुख के रूप में चुना गया।

उन्होंने कहा, ‘बेशक, यह हमारी अपनी विदेश नीति के पतन की दुखद दास्तां है लेकिन वैश्विक समुदाय पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के प्रायोजन को लगातार वैध ठहराने की अनुमति कैसे दे सकता है?’

भाषा

हक प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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