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Sunday, 6 October, 2024
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छात्रों के बेहतर पठन-पाठन के लिये शिक्षा मंत्रालय ने की एड-टेक कंपनियों से गठजोड़ की पेशकश

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नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) शिक्षा मंत्रालय संसाधनों से वंचित छात्रों के बीच ज्ञान के अंतर को पाटने के लिये स्कूली, उच्च शिक्षा प्रदान करने वाली एड-टेक कंपनियों के साथ गठजोड़ करना चाहता है और इसके लिये एड-टेक कंपनियों से रूचि पत्र मांगा है।

शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ स्कूली, उच्च शिक्षा एवं व्यवसायिक कोर्स के संबंध में समाधान पेश करने वाले शैक्षणिक प्रौद्योगिकी कंपनियों (एड-टेक) कंपनियों से रूचि पत्र मांगा गया है। ’’

उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस विषय पर एड-टेक कंपनियों के साथ गठजोड़ करना चाहता है, जिसमें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) अनुपालन एजेंसी होगी ।

एआईसीटीई ने इस विषय पर विज्ञापन भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि रूचि रखने वाली एड-टेक कंपनियां 7 मार्च से 11 अप्रैल के बीच परिषद के पोर्टल के माध्यम से रूचि पत्र साझा कर सकती हैं ।

यह कार्यक्रम प्रौद्योगिकी के लिये राष्ट्रीय शैक्षणिक गठबंधन (एनईएटी) 3.0 कार्यक्रम के तहत है।

गौरतलब है कि एनईएटी, डिजिटल अंतर को पाटने, विशेष रूप से आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के बीच और भारत और दुनिया की ज्ञान-आधारित आवश्यकता को पूरा करने को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। ये समाधान बेहतर सीखने के परिणामों और शीर्ष क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए व्यक्तिगत और अनुकूलित सीखने के अनुभव के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हैं।

मंत्रालय के अनुसार, एनईएटी मंच पर 58 वैश्विक और भारतीय स्टार्ट-अप एड-टेक कंपनियां मौजूद हैं। मंत्रालय के अनुसार ये कंपनियां सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने, रोजगार योग्य कौशल विकसित करने और कोविड-19 काल सीखने को लेकर हुए नुकसान की भरपायी के लिए 100 पाठ्यक्रम और ई-संसाधनों को पेश कर रही हैं।

अधिकारी ने बताया कि एआईसीटीई को कौशल भारत के साथ एनईएटी में पाठ्यक्रमों को एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है ताकि रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने और भविष्य के युवाओं को तैयार करने के लिए कौशल के उभरते क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाया जा सके।

एआईसीटीई और एड-टेक कंपनियां कम से कम लागत में ई-संसाधनों की पेश करने की दिशा में काम कर रहे हैं ।

भाषा दीपक दीपक पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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