जम्मू, 13 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के बदलाव की दहलीज पर खड़े होने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि शिक्षा समानता और सशक्तिकरण का सबसे शक्तिशाली साधन है और इसे केंद्र शासित प्रदेश के हर कोने तक पहुंचना चाहिए।
यहां जम्मू विश्वविद्यालय के 19वें विशेष दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। शिक्षा इस यात्रा के केंद्र में है, जिसका मकसद हमारे युवाओं को नवप्रवर्तक, उद्यमी और राष्ट्र निर्माता बनने के लिए सशक्त बनाना है।’’
उन्होंने युवाओं से समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनने और ऐसा पेशा चुनने का आग्रह किया जो उन्हें उद्देश्य प्रदान करे और उन्हें महत्वाकांक्षा एवं करुणा के बीच संतुलन बनाने वाला जीवन जीने में सक्षम बनाए।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ज्ञान का प्रकाश हर कोने तक पहुंचे – इस परिसर समेत कठुआ और भद्रवाह के विभिन्न परिसर से लेकर पुंछ, राजौरी और किश्तवाड़ के दूरदराज के गांवों तक।’’
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संस्थान के विभिन्न पाठ्यक्रमों में छात्राओं के उल्लेखनीय प्रदर्शन की भी सराहना की।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री अब्दुल्ला की अध्यक्षता में आयोजित दीक्षांत समारोह में पदक पाने वाले कुल 600 विद्यार्थियों में 400 से अधिक संख्या में छात्राएं शामिल थीं।
कुलपति प्रो. उमेश राय ने कहा कि यह आयोजन विशेष है क्योंकि ‘‘इस वर्ष पीएचडी डिग्री और स्वर्ण पदक प्राप्त करने में महिला विद्वानों ने अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है, जो उच्च शिक्षा में महिलाओं के बढ़ते नेतृत्व का प्रतिबिंब है।’’
राय ने कहा कि 2020 और 2024 के बीच 425 पीएचडी डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें 2020 बैच के लिए 71, 2021 के लिए 62, 2022 के लिए 83, 2023 के लिए 105 और 2024 के लिए 104 डिग्रियां शामिल हैं।
इसी प्रकार, इस अवधि के लिए 178 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जिनमें 2020 में 43, 2021 में 55, 2022 में 41 और 2023 में 39 पदक शामिल हैं।
भाषा शफीक संतोष
संतोष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
