नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नया समन जारी किया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री को पहली बार संघीय एजेंसी ने 2 नवंबर को पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने यह आरोप लगाते हुए गवाही नहीं दी कि नोटिस “अस्पष्ट, राजनीति से प्रेरित” था.
इससे पहले इस साल 2 नवंबर को एजेंसी द्वारा केजरीवाल को तलब किया गया था, आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख ने समन को नजरअंदाज किया और इसके बजाय उसी दिन एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने के लिए तत्कालीन चुनाव राज्य मध्य प्रदेश की यात्रा की. बाद में ईडी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि एजेंसी उनकी छवि खराब करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रही है और समन “राजनीति से प्रेरित” थे.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले की समानांतर जांच के सिलसिले में इस साल अप्रैल में केजरीवाल से आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी.
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि उक्त समन राजनीति से प्रेरित प्रतीत होता है और अनावश्यक विचारों के लिए जारी किया गया है.
इस मामले के सिलसिले में अरविंद केजरीवाल को इस साल अप्रैल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तलब किया था.
हालांकि, पिछले साल 17 अगस्त को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में केजरीवाल को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था.
फरवरी 2023 में, अरविंद केजरीवाल के डिप्टी मनीष सिसौदिया को अब खत्म हो चुकी दिल्ली की नई उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद विपक्ष द्वारा बेईमानी के आरोपों के बीच नीति को वापस ले लिया गया था.
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