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Monday, 6 May, 2024
होमदेशभोजन को लेकर ईडी का रुख ‘संकीर्णता’ और ‘राजनीति’ वाला: केजरीवाल के वकील ने अदालत में कहा

भोजन को लेकर ईडी का रुख ‘संकीर्णता’ और ‘राजनीति’ वाला: केजरीवाल के वकील ने अदालत में कहा

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नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय पर जेल में उनके आहार पर ‘संकीर्ण’ सोच रखने और राजनीति करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को एक अदालत के समक्ष कहा कि उन्होंने जो खाना खाया वो उनके डॉक्टर द्वारा तैयार किए गए आहार चार्ट के अनुरूप था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को अदालत के समक्ष दावा किया था कि केजरीवाल चिकित्सा आधार पर जमानत के लिए जेल में रोजाना आम और मिठाई जैसे उच्च शर्करा वाले आहार ले रहे हैं जबकि उन्हें टाइप-2 डायबिटीज है।

एजेंसी ने दावा किया था कि आप के राष्ट्रीय संयोजक शर्करा वाला भोजन कर रहे हैं ताकि वह अस्वस्थ हो जाएं और चिकित्सा आधार पर जमानत मांग सकें।

केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने अदालत से कहा, ‘‘ईडी ने दावा किया है कि मैं जमानत पाने के लिए अपना रक्त शर्करा का स्तर बढ़ाना चाहता हूं। मैं क्या जमानत पाने के लिए लकवा होने का जोखिम उठाऊंगा? मैं जो भी भोजन कर रहा हूं वह गिरफ्तारी से पहले मेरे डॉक्टर द्वारा तैयार आहार चार्ट के अनुसार है।’’

केजरीवाल के जेल में नियमित रूप से आम, मिठाई, आलू-पूरी खाने के ईडी के दावे पर उन्होंने कहा कि उन्हें एक-दो बार ही ऐसा भोजन दिया गया।

सिंघवी ने अदालत से कहा, ‘‘आरोप है कि मैं आम खा रहा हूं… घर से 48 बार भोजन भेजा गया जिसमें से केवल तीन बार आम भेजे गए। आठ अप्रैल के बाद कोई आम नहीं भेजा गया। आम को तो ऐसे दर्शाया गया है जैसे उसमें शुगर भरी पड़ी है। उनमें शर्करा का स्तर ‘ब्राउन राइस’ या सफेद चावल से बहुत कम होता है।’’

केजरीवाल को जेल में घर के खाने की अनुमति दी गई है।

उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘मैं अपनी चाय में केवल ‘शुगर फ्री’ लेता हूं। ईडी कितनी संकीर्ण, राजनीतिक और हास्यास्पद हो सकती है। उनके बयान पूरी तरह झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं। आपका मीडिया में बहुत ज्यादा प्रभाव है, केवल इसलिए आप यह प्रकाशित करवा रहे हैं कि मैं आलू-पूरी खा रहा हूं। जबकि ऐसा भोजन केवल एक बार पूजा के समय भेजा गया था।’’

केजरीवाल ने अपने शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव के बारे में सप्ताह में तीन बार अपने चिकित्सक से परामर्श लेने की याचिका बृहस्पतिवार को वापस ले ली थी। उन्होंने शुक्रवार को एक नयी याचिका दायर कर हर दिन 15 मिनट के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श की मांग की।

सिंघवी ने कहा, ‘‘क्योंकि मैं कैदी हूं, इसलिए क्या मुझे गरिमापूर्ण जीवन जीने और अच्छी सेहत का अधिकार नहीं है? मैं क्या कुख्यात अपराधी हूं जो मुझे 15 मिनट भी अपने डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंस से परामर्श की अनुमति नहीं दी जा सकती? हमारे देश में 75 साल से लोकतंत्र है लेकिन मैं इस तरह का रुख पहली बार देख रहा हूं। इस तरह की संकीर्णता पहले कभी नहीं देखी।’’

अदालत ने केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

भाषा वैभव अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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