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Saturday, 2 November, 2024
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एडिटर्स गिल्ड ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से परामर्श को वापस लेने की मांग की

यह परामर्श संसद द्वारा बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित करने के बाद पूर्वोत्तर में भड़के हिंसक प्रदर्शनों की तस्वीरें कुछ टीवी चैनलों के दिखाने के बाद जारी किया गया था.

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नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से शनिवार को उस परामर्श को वापस लेने की मांग की, जिसमें सभी निजी टीवी चैनलों से कहा गया था कि वे ऐसी सामग्री दिखाने से परहेज करें जो हिंसा भड़का सकती है या ‘राष्ट्र विरोधी रवैये’ को बढ़ावा दे सकती है.

गिल्ड ने कहा कि वह मानता है कि देश में घटित होने वाली घटनाओं की जिम्मेदार कवरेज के लिए मीडिया की समग्र प्रतिबद्धता पर इस तरह के परामर्श से सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए.

इस हफ्ते के शुरू में मंत्रालय ने एक परामर्श जारी करके सभी निजी टीवी चैनलों से कहा था कि वे खास तौर पर ऐसी सामग्री को प्रसारित करने के दौरान सतर्क रहें, जिससे हिंसा भड़क सकती है, ‘राष्ट्र विरोधी रवैये’ को बढ़ावा मिल सकता है और राष्ट्र की अखंडता प्रभावित हो सकती है.

गिल्ड ने एक बयान में कहा कि मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से रिपोर्ट करे. गिल्ड इस तरह के परामर्श की निंदा करता है जो स्वतंत्र मीडिया के कामकाज में दखल देती हैं और अनुरोध करता है कि सरकार इसे वापस ले.

यह परामर्श संसद द्वारा बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित करने के बाद पूर्वोत्तर में भड़के हिंसक प्रदर्शनों की तस्वीरें कुछ टीवी चैनलों के दिखाने के बाद जारी किया गया था.

गिल्ड ने असम के समाचार चैनल प्राग न्यूज के कर्मचारियों के साथ पुलिस द्वारा हिंसक व्यवहार करने की भी निंदा की और घटना की जांच की मांग की.

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