नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जांच की मंजूरी दे दी है. उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को प्रतिभाशाली कलाकार बताते हुये बुधवार को कहा कि उनकी मृत्यु के कारणों की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए. इस बीच, केन्द्र ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है.
ईडी ने भेजा सम्मन
वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनके पिता द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत से उत्पन्न धनशोधन मामले के सिलसिले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को सात अगस्त को पूछताछ के लिए सम्मन किया है. यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी. अधिकारियों ने बताया कि चक्रवर्ती से पूछताछ की जाएगी और उनके बयान को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा.
यह पूछताछ उस धनशोधन मामले से जुड़ी है, जो पिछले हफ्ते ईडी ने बिहार पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया था, जिसमें राजपूत के पिता ने चक्रवर्ती और उनके परिवार पर बॉलीवुड अभिनेता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.
शीर्ष अदालत ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह और बिहार तथा महाराष्ट्र सरकार को अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की याचिका पर तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के मामले की जांच के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने अभी तक बालीवुड के फिल्म निर्माता आदित्य चोपड़ा, महेश भट्ट और संजय लीला भंसाली सहित 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज किये हैं. अब उसे अपनी जांच की प्रगति से न्यायालय को अवगत कराना है.
पटना के राजीव नगर थाने में 25 जुलाई को दर्ज प्राथमिकी में रिया पर आरोप लगाया गया है कि उसने ही सुशांत को आत्महत्या के लिये मजबूर किया. रिया ने इस मामले में पटना में दर्ज प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से रिया की याचिका पर सुनवाई की.
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आईपीएस को क्वारेंटाइन करना गलत -अदालत
न्यायमूर्ति रॉय ने अपने आदेश में कहा, ‘एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुयी जिसमे एक प्रतिभाशाली कलाकार का निधन ऐसी परिस्थितियों में हो गया जो अस्वाभाविक हैं. अब उन परिस्थितियों की जांच की आवश्यकता है जिनमे यह मौत हुयी.’
न्यायमूर्ति राय ने आदेश में कहा , ‘सारे तथ्यों पर विचार के बाद इस मामले में अपना अपना दृष्टिकोण रिकार्ड पर लाने के लिये सभी पक्षों को तीन दिन का समय दिया जा रहा है. महाराष्ट्र सरकार को मुंबई पुलिस की जांच की स्थिति के बारे में अगली तारीख पर जानकारी देनी होगी. मामला अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध किया जाता है.’
न्यायालय ने मुंबई में प्राधिकारियों द्वारा बिहार के आईपीएस अधिकारी को पृथक-वास में भेजने की घटना का भी संज्ञान लिया और कहा, ‘एक पुलिस अधिकारी (बिहार के) को पृथक-वास में भेजने का अच्छा संदेश नहीं गया है.’
पीठ ने टिप्पणी की, ‘मुंबई पुलिस की अच्छी पेशेवर छवि है. कृपया सुनिश्चित कीजिये की सब कुछ कानून के अनुसार ही किया जाये.’
इससे पहले, केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘प्राधिकारियों ने सिद्धांत रूप में इस मामले की सीबीआई जांच कराने का बिहार पुलिस का अनुरोध स्वीकार करने का निर्णय लिया है.
केन्द्र ने यह बयान उस वक्त दिया जब बिहार सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता केशव मोहन ने कहा कि बिहार पुलिस ने पटना के राजीव नगर थाने में दर्ज इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपने का फैसला किया है.
रोहतगी ने कहा, ‘इस जांच में मुंबई पुलिस की ओर से किसी प्रकार की बाधा नहीं डाली जानी चाहिए. इस मामले में पटना पुलिस ने कानूनी तरीके से प्राथमिकी दर्ज की है.’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने बिहार के आईपीएस अधिकारी को नजरबंद कर दिया और ऐसा लगता है कि मानो वह अभिनेत्री की ओर से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस अभिनेत्री को किसी प्रकार का अंतरिम संरक्षण प्रदान करने की कोई वजह नहीं है.
सुशांत के पिता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय इस मामले की विवेचना करता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है लेकिन रिया चक्रवर्ती को संरक्षण देने वाला कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए.
सिंह ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र पुलिस इस मामले में साक्ष्य नष्ट कर रही है और फिलहाल उसे बिहार पुलिस के साथ जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया जाना चाहिए.
महाराष्ट्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा कि इस मामले मे प्राथमिकी दर्ज करने या फिर जांच करने का पटना पुलिस को कोई अधिकार नहीं है और अब इसे एक राजनीतिक मामला बना दिया गया है.
महाराष्ट्र सरकार ने पीठ से कहा, ‘हम पेशेवर तरीके से ही अपना काम कर रहे हैं और मुंबई पुलिस को इस तरह से लांछित करना अनुचित है.’ महाराष्ट्र सरकार इस मामले को सीबीआई को सौंपने का विरोध कर रही है.
बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने 29 जुलाई को शीर्ष अदालत में दायर याचिका में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिये उकसाने के आरोपों को लेकर पटना में 25 जुलाई को दर्ज करायी गयी प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने और बिहार पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने 25 जुलाई को दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में रिया चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य व्यक्तियों के खिलाफ इस अभिनेता को आत्महत्या के लिये मजबूर करने के आरोप लगाये थे.
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सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिह ने न्यायालय में एक कैविएट दायर इस मामले में उन्हें नोटिस दिये बगैर कोई कार्यवाही नहीं करने का अनुरोध न्यायालय से किया था.
इसके बाद बिहार सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने भी इसमें कैविएट दाखिल की थीं. बिहार और महाराष्ट्र सरकार ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि इस याचिका पर कोई भी आदेश देने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाये.