नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई को मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिये समन किया है. यह मामला उर्वरक निर्यात में कथित वित्तीय अनियमितता से जुड़ा है.
अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के भाई अग्रसेन गहलोत को मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत बुधवार को दिल्ली में जांच अधिकारी के समक्ष बयान देने के लिये बुलाया गया है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने 22 जुलाई को पीएमएलए के तहत दर्ज मामले में अग्रसेन गहलोत के जोधपुर और कुछ अन्य जगहों पर स्थित परिसरों की तलाशी ली थी.
अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी को छापे के दौरान कई दस्तावेज मिले है. अग्रसेन गहलोत से पूछताछ के दौरान इन दस्तावेजों को दिखाया जाएगा. ऐसा समझा जाता है कि मामले में शामिल कुछ अन्य लोगों को भी तलब किया गया है.
एजेंसी ने 2007-09 के सीमा शुल्क विभाग के मामले में ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज किया. यह पुलिस की एफआईआर की तरह है. यह मामला सब्सिडी वाले उर्वरक म्यूरेट ऑफ पोटाश (एममओपी) की खरीद और निर्यात से संबद्ध है और इस मामले में जांच को 2013 में पूरा किया गया.
अधिकारियों के अनुसार ईडी ने सीमा शुल्क की प्राथमिकी और 13 जुलाई के आरोपपत्र को संज्ञान में लेते हुए मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया ताकि अग्रसेन गहलोत, उनकी कंपनी अनुपम कृषि और अन्य द्वारा कथित रूप से संचालित ‘तस्करी गिरोह’ की जांच की जा सके.
एजेंसी का कहना है कि मामला एमओपी का धोखाधड़ी कर निर्यात से जुड़ा है. इसे मलेशिया और ताइवान के खरीदारों को औद्योगिक रसायन के नाम पर निर्यात किया गया. एमओपी का निर्यात प्रतिबंधित जिंस है ताकि देश में किसानों के लिये यह आसानी से उपलब्ध हो.
ईडी ने यह छापा ऐसे समय मारा है जब अशोक गहलोत भाजपा पर सरकार गिराने का प्रयास करने का आरोप लगा रहे हैं.
छापे पर अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने जयपुर में संवाददताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने देश में ‘रेड राज’ (छापा मारने वाला शासन) बना दिया है, लेकिन हम इससे डरने वाले नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि जब केंद्र का राजस्थान में सरकार गिराने की ‘चाल’ विफल हो गयी तब ईडी ने गहलोत के बड़े भाई पर छापे मारने शुरू किये हैं.