इंदौर (मध्यप्रदेश), 10 फरवरी (भाषा) कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के दौरान पिछले साल गुजरात से मध्यप्रदेश को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों की आपूर्ति पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पीएमएलए के तहत दर्ज मामले में गुजरात के मोरबी और मध्यप्रदेश के इंदौर व जबलपुर के गिरोह, दवा विक्रेता, अस्पताल संचालक और अन्य लोग ईडी की जांच के घेरे में हैं तथा उनकी संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर पुलिस ने एक अंतरप्रांतीय गिरोह के जरिये पड़ोसी गुजरात से कम से कम 1,200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मध्यप्रदेश भेजे जाने का मई 2021 में खुलासा किया था। तब इन इंजेक्शन की भारी किल्लत थी।
उन्होंने बताया कि महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के दौरान मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए ये इंजेक्शन नमक और ग्लूकोज के पानी से बनाए गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में इंदौर पुलिस ने 10 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने यह भी बताया कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों को मरीजों की मदद के नाम पर सोशल मीडिया पर ग्राहक ढूंढ कर बेचा जाता था और केवल एक इंजेक्शन के बदले 35,000 रुपये से 40,000 रुपये वसूले जाते थे।
भाषा हर्ष
राजकुमार शफीक
शफीक
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