रांचीः प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को खनन सचिव पूजा सिंहल और बिजनेसमैन अमित अग्रवाल के परिसर सहित कई स्थानों पर छापे डाले. सिंहल से जुड़े तमाम स्थानों रांची, दिल्ली, जयपुर और मुंबई इत्यादि में छापे डाले गए हैं. यह छापेमारी झारखंड के खूंटी जिले में मनरेगा कोष में 18 करोड़ रुपये से अधिक के कथित गबन से जुड़े धन शोधन के एक मामले में की गई है.
अधिकारियों ने बताया कि रांची के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के परिसर से कम से कम 17 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं. उन्होंने बताया कि शहर के अन्य परिसरों से करीब 1.8 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं.
मामला 2008 से 2011 के बीच का है.
उन्होंने बताया कि झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों में 18 परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की जा रही है.
अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी एवं झारखंड सरकार के खदान एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव पूजा सिंघल के परिसर की भी तलाशी की जा रही है.
इसके अलावा ईडी एक शिकायत के आधार पर सिंहल की जांच कर रही है जिसमें कहा गया है कि वह अपने कुछ जानने वाले मुट्ठीभर ठेकेदारों को बिना वन्यजीव क्लियरेंस के खनन की अनुमति दे रही हैं.
झारखंड हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ वकील राजीव कुमार ने उनके खिलाफ ईडी के सामने फरवरी 2022 में एक शिकायत की थी.
सिंहल की खूंटी और चतरा जिले में मनरेगा स्कीम में शामिल होने को लेकर भी जांच चल रही है. इसके अलावा पचदूमर सैंड घाट में भी उनके शामिल होने की जांच की जा रही है.
बता दें कि पूजा सिंहल डिपार्टमेंट ऑफ माइन्स एंड जियॉलजी और झारखंड स्टेट मिनरल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.
इस बीच 2 मई को चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा था. उनके ऊपर ‘लाभ के पद’ को लेकर आरोप लगे हैं.
उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने खनन एवं पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी अपने पास होते हुए भी खुद के नाम एक माइनिंग लीज़ दे दी थी.
(भाषा और एएनआई के इनपुट्स के साथ)
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