नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को श्री गोपालन चिट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड और इसके अध्यक्ष गोकुल गोपालन से जुड़े पांच परिसरों पर छापेमारी की. यह छापेमारी 1,000 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के उल्लंघन की जांच के तहत की गई. यह जानकारी दिप्रिंट को मिली है.
मामले से परिचित सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार सुबह तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में छापेमारी शुरू हुई. छापेमारी इस सूचना के आधार पर की गई कि फर्म ने अनिवासी भारतीयों के साथ लेन-देन में नियमों का उल्लंघन किया है और अनधिकृत लेनदेन किया है.
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, एजेंसी चेन्नई स्थित फर्म के खिलाफ विभिन्न राज्य पुलिस बलों द्वारा दर्ज किए गए धोखाधड़ी और जालसाजी के कई मामलों की भी “जांच” कर रही है.
उन्होंने बताया कि बाद में इस बात पर निर्णय लिया जाएगा कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की जाएगी या नहीं. इस मामले से अवगत एक अधिकारी ने बताया, “इस साल जनवरी में मलप्पुरम जिले में फर्म के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई थीं. भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और चिट फंड अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज मामले पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध हैं. इन मामलों में लगाए गए आरोपों की पुष्टि की जा रही है और साथ ही अपराध की आय का अनुमान लगाने की प्रक्रिया भी चल रही है.”
फर्म की वेबसाइट पर ‘हमारे बारे में’ अनुभाग के अनुसार, इसकी स्थापना जुलाई 1968 में चेन्नई में ए.एम. गोपालन उर्फ गोकुलम गोपालन ने की थी और यह कुल 479 शाखाओं के साथ देश के दक्षिणी हिस्से में चिट फंड उद्योग के रूप में विकसित हुआ है. फर्म का दावा है कि यह देश की सबसे बड़ी चिट फंड कंपनियों में से एक है, जिसका समूह कारोबार 7,000 करोड़ रुपये से अधिक है.
फर्म की समूह कंपनी श्री गोकुलम मूवी हाल ही में मोहनलाल अभिनीत एल2: एम्पुरान के सह-निर्माण के लिए चर्चा में आई थी. 27 मार्च को रिलीज़ हुई यह फिल्म 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े दृश्यों के लिए सुर्खियों में रही, जिसके बाद मोहनलाल ने आगे आकर फिल्म से विवादास्पद अंशों को हटाने का आश्वासन दिया.
फिल्म के निर्माता एंटनी पेरुंबवूर ने मंगलवार को कहा कि मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन सहित सभी निर्माताओं और अभिनेताओं द्वारा लिए गए निर्णयों के आधार पर फिल्म से दो मिनट से अधिक के दृश्य हटा दिए गए हैं और यह किसी के डर से नहीं किया गया है.
उन्होंने मंगलवार को कोच्चि में कहा, “डरने का कोई सवाल ही नहीं है. हम एक समाज में रहते हैं. हमारा कभी भी ऐसा कुछ करने का इरादा नहीं था जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे। अगर कोई फिल्म से नाखुश है, तो फिल्म के निर्माता, निर्देशक और अभिनेता होने के नाते हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उस शिकायत को दूर करें.”
उन्होंने कहा, “इसलिए, हम सभी ने मिलकर संपादन करने का निर्णय लिया। लगभग दो मिनट और कुछ सेकंड के दृश्य हटा दिए गए हैं.”
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