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Thursday, 7 November, 2024
होमदेशईडी ने यस बैंक संस्थापक राणा कपूर को कोर्ट में किया पेश, 11 मार्च तक हिरासत में

ईडी ने यस बैंक संस्थापक राणा कपूर को कोर्ट में किया पेश, 11 मार्च तक हिरासत में

राणा कपूर को निजी बैंक के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितता और कुप्रबंधन के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था. भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार ने इसके कामकाज को नियंत्रित करने के लिये कदम उठाए हैं.

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नई दिल्ली: धन शोधन मामले में गिरफ्तार यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को मुंबई की एक अदालत ने रविवार को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया.

अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने कपूर (62) को धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत रविवार तड़के करीब तीन बजे गिरफ्तार किया क्योंकि वह कथित तौर पर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.

रविवार तड़के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी के अधिकारियों ने 20 घंटे लंबी पूछताछ के बाद उन्हें देर रात 3 बजे गिरफ्तार किया था.

ईडी ने कपूर को यहां एक अवकाश अदालत के समक्ष पेश किया जिसने उसे 11 मार्च तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया.

ईडी ने कहा कि कपूर के परिवार द्वारा संचालित कुछ कंपनियों की भूमिका स्थापित किये जाने और इन सभी लोगों का आरोपी से आमना-सामना कराए जाने की जरूरत है.

बचाव पक्ष के वकील ने हालांकि कहा कि कपूर को ईडी ने चुन कर निशाना बनाया है जबकि वह जांच एजेंसी से सहयोग कर रहे हैं.

इसके पूर्व ईडी ने शुक्रवार को राणा कपूर के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला भी दर्ज कर उनके मुंबई स्थित आवास पर छापेमारी की थी. वहीं उनके खिलाफ  लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी कर दिया गया है, ताकि वह देश छोड़कर नहीं जा सकें.

कपूर को निजी बैंक के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितता और कुप्रबंधन के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था और भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार ने इसके कामकाज को नियंत्रित करने के लिये कदम उठाए हैं.

कपूर का 2,000 करोड़ रुपये का निवेश,दर्जनों मुखौटा कंपनियां ईडी जांच के घेरे में

प्रवर्तन निदेशालय की यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ जांच में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश, 44 महंगी पेटिंग और एक दर्जन से कथित मुखौटा कंपनियां केंद्र में हैं.कपूर को मनी लांड्रिंग के मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो बताते हैं कि कपूर परिवार के लंदन में कुछ संपत्ति हैं.अब उस संपत्ति की खरीद के लिये इस्तेमाल हुए कोष के स्रोत की जांच की जा रही है.

ईडी एक कंपनी द्वारा कथित रूप से प्राप्त 600 करोड़ रुपये के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी तथा तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रहा है. जिस कंपनी को यह राशि मिली, उसका नियंत्रण कथित रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थी. कंपनी को यह राशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) से जुड़ी इकाई से मिली थी.

कपूर से जुड़ी कंपनी डीओआईटी अरबन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लि. कथित रूप से यह कोष प्राप्त किया. यह कोष उस समय प्राप्त किया गया जब 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज डीएचएफएल को दिया गया था.डीएचएफएल के खिलाफ कथित वित्तीय अनियमिततताओं को लेकर जांच जारी है.

सूत्रों के अनुसार बैंक ने फंसे कर्ज (एनपीए) की वसूली को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की. एजेंसी को संदेह है कि 600 करोड़ रुपये का कोष कथित रिश्वत का हिस्सा हो सकता है. यह राशि एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने के लिये उस कंपनी को मिली जिसका नियंत्रण कपूर परिवार के पास था.

अधिकारियों ने कहा कि ईडी छापे के दौरान मिली अपराध की राशि पर ध्यान रही है। छापा के दौरान कपूर उनकी पत्नी बिंदु तथा तीनों बेटियों के निवास की तलाशी ली. जांच के दौरान परिवार द्वारा 2,000 करोड़ रुपये का निवेश तथा एक दर्जन से अधिक मुखौटा कंपनियों के बारे में जानकारी मिली. इन मुखौटा कंपनियों का उपयोग कथित रिश्वत की हेराफेरी के लिये किया जाता था.

इसके अलावा परिवार के पास 44 महंगी पेंटिंग भी मिले.इनमें से कुछ पेंटिंग कथित तौर पर राजनेताओं से खरीदा गया.

मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत यस बैंक के पूर्व प्रमुख 62 साल के कपूर को बेलार्ड एस्टेट में ईडी के कार्यालय में कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया. केंद्रीय एजेंसी ने कपूर के आवास पर शुक्रवार रात को छापा मारा था। उसके बाद 20 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.

इस बीच, ईडी कपूर की पत्नी और बेटियों के भी बयान रिकार्ड कर रही है.

ईडी ने तब कार्रवाई की है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को पूंजी की कमी से जूझ रहे यस बैंक पर पाबंदी लगाई है. इससे उसका हर खाताधारक केवल 50,000 रुपये तक ही निकाल सकता है और निजी क्षेत्र के इस बैंक के बोर्ड को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया.

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