नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि इसने कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रवर्तित नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ धनशोधन की अपनी जांच के तहत करीब 752 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्ति और ‘इक्विटी’ हिस्सेदारी (शेयर) जब्त की है.
सूत्रों ने बताया कि कुर्क की गई अचल संपत्तियों में नेशनल हेराल्ड का दिल्ली में आईटीओ स्थित कार्यालय परिसर, लखनऊ के कैसरबाग के पास मॉल एवेन्यू स्थित नेहरू भवन और मुंबई में हेराल्ड हाउस शामिल हैं.
अस्थायी रूप से संपत्ति कुर्क करने का यह आदेश छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में जारी विधानसभा चुनाव तथा तीन दिसंबर को मतगणना होने से पहले आया है.
कांग्रेस ने एजेंसी की कार्रवाई को ‘‘प्रतिशोध से भरा हथकंडा’’ करार दिया और ईडी को भाजपा का ‘‘गठबंधन साझेदार’’ बताया. कांग्रेस ने कहा कि यह कार्रवाई पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तय हार से ध्यान भटकाने का प्रयास है.
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया कि इस मामले में अंशधारक और कांग्रेस को चंदा देने वालों से एजेएल और पार्टी ने ठगी की.
ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने का आदेश धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया था.
नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास यंग इंडियन कंपनी के ज्यादातर शेयर हैं. दोनों में से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं.
बयान में ईडी ने कहा कि इसने पीएमएल के तहत जांच किए जा रहे धनशोधन के मामले में 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क करने का एक आदेश जारी किया था.
कानून के तहत, इस तरह के अंतरिम या अस्थायी आदेश को छह महीने की समयावधि में पीएमएलए के निर्णयन प्राधिकार द्वारा मंजूरी दी जानी चाहिए, जिसके बाद ईडी कुर्क संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकती है.
बयान में कहा गया, ‘‘जांच में खुलासा हुआ है कि एजेएल के पास अपराध से हुई आय अचल संपत्तियों के रूप में है, जो दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे कई शहरों में है। इनका मूल्य 661.69 करोड़ रुपये है. वहीं, यंग इंडियन के पास अपराध से प्राप्त आय 90.21 करोड़ रुपये एजेएल के ‘इक्विटी शेयर’ के रूप में है.’’
एजेंसी ने मामले के सिलसिले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता पवन बंसल, डी. के. शिवकुमार (कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री) और उनके सांसद भाई डी.के. सुरेश से पिछले साल पूछताछ की तथा उनके बयान दर्ज किए थे.
सूत्रों के मुताबिक, मामले में ईडी के आरोपपत्र दाखिल करने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए फिर से बुलाया जा सकता है.
धनशोधन का यह मामला दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के एक आदेश से उपजा है, जिसमें नेशनल हेराल्ड के क्रियाकलाप में कथित अनियमितताओं के खिलाफ एक निजी शिकायत का 26 जून 2014 को संज्ञान लिया गया था.
ईडी ने कहा कि अदालत ने पाया था कि यंग इंडियन सहित सात आरोपी व्यक्तियों और संस्थाओं ने ‘प्रथम दृष्टया’ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक विश्वासघात के अपराध किए, जिसमें धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति के लेनदेन को प्रेरित करना, संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग और आपराधिक साजिश शामिल हैं.
एजेंसी ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों ने यंग इंडियन के माध्यम से एजेएल की करोड़ों रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची. ईडी ने कहा,‘‘एजेएल को समाचारपत्र प्रकाशित करने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी.’’
ईडी ने आरोप लगाया है कि एजेएल ने 2008 में अपना प्रकाशन बंद कर दिया और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का उपयोग करना शुरू कर दिया.
कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक बयान में कहा, ‘‘ईडी द्वारा एजेएल की संपत्तियां कुर्क किए जाने की खबरें पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में भाजपा की निश्चित हार से ध्यान हटाने के लिए उनकी हताशा को दिखाती हैं.’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘पीएमएलए के तहत कार्रवाई केवल किसी मुख्य अपराध के परिणामस्वरूप हो सकती है। इस मामले में किसी भी अचल संपत्ति का कोई हस्तांतरण नहीं है, पैसों का कोई लेनदेन नहीं है…वास्तव में, ऐसा कोई शिकायतकर्ता नहीं है जिसने यह दावा किया हो कि उसे धोखा दिया गया है.’’
सिंघवी ने दावा किया, ‘‘भाजपा का कोई भी गठबंधन सहयोगी-सीबीआई, ईडी या आयकर विभाग भाजपा की निश्चित आसन्न हार को नहीं रोक सकता.’’
उन्होंने कहा कि प्रतिशोध की ये तुच्छ तरकीबें कांग्रेस या विपक्ष को लड़ने से नहीं रोक सकतीं.
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