मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 1,172.19 अंक का गोता लगाकर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 17,200 अंक से नीचे आ गया। एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट के साथ बाजार नुकसान में रहा।
कारोबारियों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट तथा कमजोर वृहत आर्थिक आंकड़ों से भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा।
पिछले सप्ताह दो दिन के अवकाश के बाद तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,172.19 अंक यानी 2.01 प्रतिशत लुढ़क कर 57,166.74 अंक पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 302 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,173.65 अंक पर आ गया।
यह लगातार चौथा कारोबारी सत्र है, जब बाजार नीचे आया है।
नुकसान में रहने वाले सेंसेक्स शेयरों में सबसे अधिक 7.27 प्रतिशत की गिरावट इन्फोसिस में आई। कंपनी के मार्च, 2022 में समाप्त चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में 12 प्रतिशत की वृद्धि बाजार की उम्मीद के अनुरूप नहीं रही और इससे उसका शेयर नीचे आया।
एचडीएफसी बैंक भी 4.74 प्रतिशत नीचे आया। शनिवार को की गयी घोषणा के अनुसार निजी क्षेत्र के बैंक का शुद्ध लाभ मार्च, 2022 को समाप्त तिमाही में 22.8 प्रतिशत उछलकर 10,055.2 करोड़ रुपये रहा है। हालांकि, शुद्ध ब्याज आय उम्मीद से कम रही।
इसके अलावा एचडीएफसी लि., टेक महिंद्रा, विप्रो, टीसीएस और एचसीएल टेक भी नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ एनटीपीसी, टाटा स्टील, मारुति, टाइटन, एचयूएल, नेस्ले और महिंद्रा एंड महिंद्रा लाभ में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं। इनमें 6.11 प्रतिशत तक की तेजी रही।
सेंसेक्स के तीस शेयरों में से 20 नुकसान में रहे।
इक्विटी 99 के शोध प्रमुख राहुल शर्मा ने कहा, ‘‘लंबे सप्ताहांत के बाद मानक सूचकांक में दो प्रतिशत की गिरावट आयी। गिरावट का मुख्य कारण इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक का वित्तीय परिणाम बाजार की उम्मीद के अनुरूप नहीं होना है। इसके अलावा रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ने से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और बढ़ती मुद्रास्फीति को लेकर पूरी दुनिया में चिंता के बीच हमारा अनुमान है कि बाजार में आने वाले दिनों में और गिरावट आ सकती है।’’
इस बीच, रूस-यूक्रेन युद्ध से वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था बाधित होने के चलते कच्चे तेल और अन्य जिंसों के दाम बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च महीने में चार माह के उच्चस्तर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आईटी और बैंक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के वित्तीय परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं होने से बाजार की शुरूआत प्रतिकूल रही। बाजार आईटी क्षेत्र में कर्मचारियों के कंपनी छोड़कर जाने की ऊंची दर, क्षमता के कम उपयोग और कंपनियों के सूचना प्रौद्योगिकी पर खर्च कम करने जैसी चुनौतियों को लेकर चिंतित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में गिरावट की आशंका अधिक है। इसका कारण अधिक मूल्यांकन और परिदृश्य को घटाये जाने का जोखिम बढ़ना है।’’
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और जापान का निक्की नुकसान में रहे। हांगकांग का हैंगसेंग अवकाश के कारण बंद था।
यूरोप के प्रमुख बाजार ईस्टर अवकाश के कारण बंद रहे।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.18 प्रतिशत फिसलकर 111.5 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे टूटकर 76.25 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 2,061.04 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा रमण अजय
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