नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बनाओ-चलाओ और सौंप दो (बीओटी) मॉडल के तहत आने वाली पथकर परियोजनाओं को वाणिज्यिक परिचालन के एक साल बाद स्वामित्व बदलाव की अनुमति को लेकर समझौते में परिवर्तन को मंजूरी दे दी है।
इससे पहले, ऐसी परियाजनाओं के शुरू होने के दो साल बाद मालिकाना हक में बदलाव की अनुमति थी।
आधिकारिक ज्ञापन के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बीओटी आधारित टोल (पथकर) परियोजनाओं के मामले में मॉडल रियायती करार (एमसीए) में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत परियोजना की वाणिज्यिक परिचालन तिथि से दो साल के बजाय एक साल में मालिकाना हक में बदलाव की अनुमति दी गयी है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि परियोजना विकसित करने वाली कंपनियां अगर स्वामित्व में बदलाव के आवेदन करती हैं, उन्हें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को किये जाने वाले प्रीमियम भुगतान में चूक नहीं करना चाहिए।
स्वामित्व में बदलाव से जुड़े उपबंध में संशोधन को लेकर अंतर-मंत्रालयी समिति की एक अप्रैल, 2022 को हुई बैठक में विचार किया गया। समिति ने वाणिज्यिक परिचालन की तिथि से स्वामित्व में बदलाव की अवधि दो साल से घटाकर एक साल करने को अनुमति दे दी।
भाषा
रमण अजय
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