मुंबई, 13 मई (भाषा) मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं बढ़ने और विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को भी गिरावट का रुख रहा। मानक सूचकांक अंतिम क्षणों में मुनाफावसूली के दबाव में आकर लगातार छठे दिन नुकसान के साथ बंद हुए।
विदेशी संस्थागत निवेशकों के बिकवाल बने रहने और अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक आंकड़ों से निवेशकों के मन में आशंका हावी दिखी। कमजोर कारोबारी धारणा का असर बाजार के प्रदर्शन पर नजर आया।
बीएसई का तीस शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के अंत में 136.69 अंक यानी 0.26 प्रतिशत गिरकर 52,793.62 अंक पर रहा। यह सेंसेक्स का 30 जुलाई, 2021 के बाद का निम्नतम स्तर है।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स 855.4 अंक उछलकर 53,785.71 अंक तक पहुंच गया था लेकिन अंतिम घंटे में मुनाफावसूली का जोर रहने से यह नीचे गिर गया।
इसी तरह एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी 25.85 अंक यानी 0.16 प्रतिशत गिरकर 15,782.15 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से एसबीआई सर्वाधिक 3.76 प्रतिशत के घाटे में रही। हालांकि देश के सबसे बड़े बैंक ने चौथी तिमाही में अपना एकल शुद्ध लाभ 41 प्रतिशत बढ़कर 9,114 करोड़ रुपये रहने की घोषणा की लेकिन यह बाजार के अनुमानों से कम रहा।
आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक और मारुति सुजुकी को भी कारोबार के दौरान 2.65 प्रतिशत तक का नुकसान उठाना पड़ा।
इसके उलट सन फार्मा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईटीसी, एचयूएल, टाइटन और रिलायंस के शेयर 3.76 प्रतिशत तक के लाभ में रहे।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स ने पांच कारोबारी दिवसों में 2,041.96 अंक यानी 3.72 प्रतिशत का नुकसान झेला है। इसी तरह निफ्टी को भी 629.10 अंक यानी 3.83 प्रतिशत की गिरावट का सामना करना पड़ा है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘यह बाजार के लिए झटके लगने का मौसम है। अमेरिका में ऊंची मुद्रास्फीति होने और ब्याज दरें बढ़ाने के अनुमानों से बांड प्रतिफल बढ़ गए हैं जिससे इक्विटी बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।’
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के उप उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा, ‘कारोबार के दौरान एक बार फिर उतार-चढ़ाव हावी रही। धातु, दूरसंचार एवं बैंकिंग शेयरों ने शुरुआती लाभ बाद में गंवा दिया। अन्य एशियाई बाजारों में तेजी के बावजूद बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में फिर से बढ़ोतरी की आशंका गहराने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।’
एशिया के अन्य बाजारों में टोक्यो, हांगकांग, सोल और शंघाई के सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए।
यूरोपीय शेयर बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को मिला-जुला रुख देखने को मिला था।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.09 प्रतिशत चढ़कर 108.6 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अपनी शुरुआती बढ़त गंवा बैठा और लगभग स्थिर रहा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 5,255.75 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की थी।
भाषा प्रेम पाण्डेय
पाण्डेय
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