नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) ब्रिटेन में लेबर पार्टी के सत्ता में आने के साथ ही उसके और भारत के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी मिलने की उम्मीद है, हालांकि इसमें मामूली बदलाव हो सकते हैं। आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने शुक्रवार को यह कहा।
चुनाव नतीजों के बाद आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन जाएंगे। उनकी लेबर पार्टी ने बृहस्पतिवार को संसदीय चुनावों में भारी बहुमत हासिल किया और मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि लेबर पार्टी एफटीए के फायदों को पहचानेगी, क्योंकि इससे उच्च टैरिफ बाधाओं को दूर करते हुए तेजी से बढ़ते और बड़े भारतीय बाजार तक पहुंच मिलती है।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने उम्मीद जताई कि लेबर पार्टी इस बात पर गौर करेगी कि भारत के साथ एफटीए ब्रिटेन के निर्यातकों को महत्वपूर्ण बढ़त देता है, जिससे भारत को उनका निर्यात बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, ”इसके प्रमाण के लिए, ऐतिहासिक उदाहरणों को देखा जा सकता है, जैसे भारत के साथ अपने-अपने एफटीए के बाद आसियान, जापान और दक्षिण कोरिया के निर्यात में लगातार सुधार हुआ।”
श्रीवास्तव ने कहा कि लेबर पार्टी के सत्ता में आने पर, वह मामूली बदलाव के साथ एफटीए को मंजूरी दे सकती है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.