तोक्यो, 23 मई (भाषा) भारत ने सोमवार को खुले, मुक्त एवं समावेशी हिंद-प्रशांत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सहयोगी देशों के साथ आर्थिक सहयोग को गहरा बनाने पर जोर दिया ताकि वृद्धि, शांति एवं समृद्धि के लक्ष्य को हासिल किया जा सके ।
समृद्धि के लिये हिंद प्रशांत आर्थिक रूपरेखा (आईपीईएफ) की शुरुआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज इस महत्वपूर्ण समारोह में आप सभी के साथ जुड़कर मुझे खुशी हो रही है। हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा इस क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक वृद्धि का इंजन बनाने की हमारी सामूहिक इच्छाशक्ति को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘ इस महत्वपूर्ण पहल के लिए मैं राष्ट्रपति बाइडन को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। हिंद प्रशांत विनिर्माण, आर्थिक गतिविधि, वैश्विक व्यापार और निवेश का केंद्र है। इतिहास इस बात का गवाह है की हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कारोबार प्रवाह में भारत सदियों से एक प्रमुख केंद्र रहा है ।’’
मोदी ने कहा कि विश्व का सबसे प्राचीन वाणिज्यिक बंदरगाह भारत में मेरे गृह राज्य गुजरात के लोथल में था, इसलिए यह आवश्यक है कि हम क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों के लिए साझा समाधान खोजें, रचनात्मक व्यवस्थाएं बनाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक समावेशी और मजबूत हिंद प्रशांत आर्थिक ढांचे के निर्माण के लिए आप सभी के साथ काम करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है की हमारे बीच जुझारू आपूर्ति श्रृंखला के तीन मुख्य आधार होने चाहिए: विश्वास, पारदर्शिता और सामयिकता।’’
मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह ढांचा इन तीनों स्तंभों को मजबूत करने में सहायक होगा, और हिंद प्रशांत क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।
वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि आईपीईएफ के माध्यम से सदस्य देशों के बीच आर्थिक गठजोड़ मजबूत बनाने पर जोर देने की बात कही गई है जिसका उद्देश्य क्षेत्र में मजबूती, वहनीयता, समावेशिता, आर्थिक वृद्धि, निष्पक्षता, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को 12 हिंद-प्रशांत देशों के साथ एक नए व्यापार समझौते की शुरुआत की, जिसका मकसद उनकी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है। इस दौरान जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी मौजूद थे ।
हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे में अमेरिका के साथ जुड़ने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर जापान आए हुए हैं ।
भाषा दीपक
दीपक अजय
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