नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) भारत की अर्थव्यवस्था को 2026-27 तक पांच लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने में मदद को गुजरात को विनिर्माण को बढ़ावा देने के साथ आला दर्जे की प्रौद्योगिकी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए नौ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है।
गुजरात सरकार द्वारा गठित एक कार्यबल ने अपनी रिपोर्ट में यह सुझाव दिया है।
पूर्व वित्त सचिव हसमुख अधिया की अध्यक्षता वाले इस कार्यबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गुजरात को अपनी वृद्धि दर तेज करनी होगी और राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अपनी हिस्सेदारी को वर्ष 2021 के 8.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने पर ध्यान देना होगा।
इसका मतलब है कि गुजरात को वित्त वर्ष 2026-27 तक 500 अरब डॉलर का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का लक्ष्य हासिल करना होगा।
कार्यबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘अगर भारत को वित्त वर्ष 2026-27 तक पांच लाख करोड़ डॉलर जीडीपी का लक्ष्य हासिल करना है, तो गुजरात को अपनी रफ्तार तेज करनी होगी क्योंकि यह प्रदेश देश की आर्थिक वृद्धि का इंजन है।’’
रिपोर्ट में विनिर्माण के लिए नौ ‘विजेता क्षेत्रों’ की पहचान की गई है जिनपर सरकार को खास ध्यान देने की जरूरत है। ये क्षेत्र वाहन, परिधान, बुनियादी धातु, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली मशीनरी एवं उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण, रत्न एवं आभूषण, फार्मास्युटिकल्स और कपड़ा हैं।
कार्यबल ने गुजरात को सभी सेवाओं खासकर आईटी एवं आईटीईएस, वित्तीय प्रौद्योगिकी और पर्यटन पर भी ध्यान देने का सुझाव दिया है।
अधिया पैनल की इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘गुजरात को इन सभी क्षेत्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाला बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए बहुत अधिक धन का निवेश करने की जरूरत है। सरकार को आला दर्जे की आईटी कंपनियों और पर्यटन क्षेत्र के प्रवर्तकों को आकर्षित करने के लिए भी खर्च करने की जरूरत है।’’
अगले पांच वर्षों में गुजरात की विकास रणनीति में व्यापक बदलाव की मांग करने वाली इस रिपोर्ट में अक्षय ऊर्जा, माइक्रोग्रिड और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाने का सुझाव भी दिया गया है। इसने हरित हाइड्रोजन और सेमीकंडक्टर निर्माण को प्रोत्साहन पर भी जोर दिया है।
इस कार्यबल का गठन गत फरवरी में गुजरात सरकार के लिए रणनीति का सुझाव देने के लिए किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प रखा हुआ है।
भाषा प्रेम अजय
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