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Wednesday, 20 November, 2024
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फोर्ड भारत में ईवी विनिर्माण की अपनी योजना से पीछे हटी

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नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) अमेरिकी वाहन विनिर्माता फोर्ड ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सरकार से मंजूरी मिलने के बावजूद निर्यात के लिए भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विनिर्माण की अपनी योजना टाल दी है।

इससे पहले फोर्ड ने पिछले साल सितंबर में अपनी पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत अपने दो संयंत्रों में वाहन उत्पादन बंद करने की घोषणा की थी। कंपनी ने तब कहा था कि वह अपने चेन्नई और गुजरात संयंत्रों के लिए अन्य विकल्प तलाश रही है।

फोर्ड इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में चल रहे व्यापार पुनर्गठन के हिस्से के रूप में कंपनी ने अपनी विनिर्माण सुविधाओं के लिए संभावित विकल्पों की तलाश जारी रखी है।

उन्होंने कहा कि इन विकल्पों में पीएलआई योजना के लिए आवेदन करना भी शामिल है, जिसके तहत संभावित ईवी विनिर्माण आधार के रूप में संयंत्रों का उपयोग करने की अनुमति दी गई।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हालांकि इस योजना की ध्यानपूर्वक समीक्षा करने के बाद हमने किसी भी अपने संयंत्र से निर्यात के लिए ईवी विनिर्माण की योजना को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है। हम पीएलआई योजना के तहत हमारे प्रस्ताव को मंजूरी देने और हमारा समर्थन करने के लिए सरकार के आभारी हैं। हम अपने विकल्पों की तलाश जारी रखेंगे।’’

कंपनी के भारत में स्थित दो विनिर्माण संयंत्रों के भविष्य को लेकर प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पुनर्गठन के प्रभावों को कम करने के लिए हम एक समान और संतुलित योजना देने के लिए श्रमिक संगठनों एवं अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करना जारी रखे हुए हैं।’’

गौरतलब है कि फोर्ड ने भारत में लगभग तीन दशकों तक जद्दोजहद करने के बाद पिछले साल अपने दो संयंत्रों में वाहन उत्पादन को बंद करने और पुनर्गठन के हिस्से के रूप में केवल आयातित वाहनों को भारत में बेचने का फैसला किया था।

चेन्नई और गुजरात के साणंद संयंत्र में लगभग 2.5 अरब डॉलर का निवेश करने वाली फोर्ड को भारत में दो अरब डॉलर से अधिक का घाटा हुआ है।

भाषा जतिन प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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