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Monday, 18 November, 2024
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देश में 70 प्रतिशत से अधिक इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास कंपनियां बढ़ाएंगी खर्च: सर्वे

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नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) चला रही और इंजीनियरिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों में से 70 प्रतिशत से अधिक इस साल अपने बजट में 10 से 25 प्रतिशत वृद्धि की योजना बना रही हैं। डेलॉयट और उद्योग संगठन नैसकॉम के एक संयुक्त सर्वेक्षण में यह कहा गया है।

इसमें कहा गया है कि देश में जीसीसी चलाने वाली इकाइयों में वाहन और परिवहन तथा औद्योगिक क्षेत्रों में इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास (ईआर एंड डी) पर खर्च सबसे अधिक 10 से 25 प्रतिशत रहने की संभावना है।

डेलॉयट इंडिया के भागीदारी कीर्ति कुमार ने कहा, ‘‘पहले की विभिन्न रिपोर्ट में इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास बाजार की संचयी वृद्धि दर 2025 तक 12 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। इस सर्वे के निष्कर्ष से इसकी पुष्टि होती है। कंपनियों के देश में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की योजना के साथ भारत में काम कर रही जीसीसी और ईएसपी (इंजीनियरिंग सेवा प्रदाता) के लिए विकास की संभावनाएं कई गुना बढ़ गई हैं।’’

सर्वेक्षण में उत्तरी अमेरिका, जर्मनी, इजरायल, जापान और भारत समेत 19 देशों के अनुसंधान एवं विकास इकाइयों के 104 प्रमुखों की प्रतिक्रिया ली गयी। साथ ही इसमें वाहन और परिवहन, एयरोस्पेस एवं रक्षा, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर उत्पाद, चिकित्सा उपकरण, हॉर्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा, तेल एवं गैस समेत 12 क्षेत्रों को शामिल किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल भारत में जीसीसी चलाने वाले 72 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि वे इंजीनियरिंग अनुसंधान एवं विकास बजट में 10 से 25 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। इंजीनियरिंग सेवा प्रदान करने वाली इकाइयों में से 52 प्रतिशत ने कहा कि वे इस मद में 10 से 25 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं।

इसमें कहा गया है कि सर्वे में शामिल प्रतिभागियों में से 70 प्रतिशत ने अनुसंधान एवं विकास बढ़ाने पर जोर देने की बात कही।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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