(अभिषेक सोनकर)
नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) का लक्ष्य सितंबर, 2024 तक अपने कोयला आधारित बिजली संयंत्र को चालू करना है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके साथ ही कंपनी घरेलू ताप विद्युत क्षेत्र में उतर जाएगी।
अधिकारी ने कोयला आधारित क्षमता स्थापित करने की कंपनी की योजना के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि टीएचडीसीआईएल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 1,320 मेगावाट (2X660 मेगावाट) अत्याधुनिक तापीय बिजली परियोजना (एसटीपीपी) स्थापित कर रही है।
वर्तमान में, उत्तराखंड स्थित इकाई की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता लगभग 1,587 मेगावाट है, जिसमें से 1,424 मेगावाट जलविद्युत, 113 मेगावाट पवन और 50 मेगावाट सौर है।
परियोजना की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, ‘काम पूरे जोरों पर चल रहा है। हमें 660 मेगावाट की पहली इकाई इस साल सितंबर तक और दूसरी इकाई मार्च 2025 तक चालू होने का विश्वास है। यह लगभग 12,000 करोड़ रुपये की परियोजना है।”
कंपनी के अधिकारी ने कहा कि जनवरी, 2024 तक खुर्जा अत्याधुनिक तापीय बिजली संयंत्र (केएसटीपीपी) पर 9,428.30 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, और लगभग 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
अधिकारी ने कहा कि कंपनी खुर्जा एसटीपीपी में पर्यावरण-अनुकूल कार्बन कैप्चर तकनीक लागू करने की प्रक्रिया में है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी।
परियोजना का विवरण साझा करते हुए अधिकारी ने आगे कहा कि परियोजना की आधारशिला नौ मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई थी। यह परियोजना 1,200.843 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है।
उन्होंने कहा कि यह एक एकीकृत कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र है, जो मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में स्थित अमेलिया कोयला खदान से जुड़ा है।
परियोजना पूरी होने पर संयंत्र 85 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के अनुरूप सालाना 926.4 करोड़ यूनिट बिजली पैदा करेगा।
विद्युत मंत्रालय द्वारा बिजली आवंटन के अनुसार, उत्पादित बिजली का 64.7 प्रतिशत उत्तर प्रदेश को आपूर्ति की जानी है और शेष अन्य लाभार्थियों को दी जाएगी।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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