नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (भाषा) वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों के एक समूह ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं किया है। एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई के नेतृत्व वाले सात सदस्यीय मंत्रियों के समूह की बैठक अगले महीने की शुरुआत में होने की संभावना है। इस समूह में पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के वित्त मंत्री शामिल हैं।
सूत्र ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि समूह ने जीएसटी के तहत सबसे कम स्लैब को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर आठ प्रतिशत करने का प्रस्ताव नहीं किया है।
समूह की किसी भी सिफारिश पर अंतिम फैसला जीएसटी परिषद को करना है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
जीएसटी परिषद की बैठक की अभी तक कोई तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन यह बैठक मई के दूसरे पखवाड़े में हो सकती है।
सूत्र ने कहा कि हाल के महीनों में मुद्रास्फीति दर में तेजी के साथ नीति निर्माता जीएसटी दरों में किसी भी बदलाव पर कड़ी नजर रखेंगे। जीएसटी दरों में बढ़ोतरी की स्थिति में महंगाई बढ़ सकती है।
जीएसटी के तहत इस समय चार स्लैब हैं – पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। इसके अलावा कीमती धातुओं जैसे कुछ सामानों के लिए विशेष दरें हैं।
इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि जरूरी वस्तुओं पर कम कर लगाते हुए पांच प्रतिशत के स्लैब को तीन प्रतिशत और आठ प्रतिशत में तोड़ा जा सकता है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि जीएसटी परिषद की बात छोड़िए, अभी तक तो जीओएम ने भी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर कोई विचार नहीं किया है।
सूत्र ने कहा कि दरों में बदलाव करना एक राजनीतिक फैसला है और जब जीएसटी परिषद इस पर विचार करेगी तो इसका राजनीतिक असर भी होगा।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.