नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) ने बोली के ताजा दौर में वाहनों के लिये सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में रसोई गैस पहुंचाने (पीएनजी) के लिए दो-दो लाइसेंस प्राप्त किये हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामकीय बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सात कंपनियों ने उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पांच क्षेत्रों में सिटी गैस लाइसेंस को लेकर 21 बोलियां लगायी थीं।
नियामक पीएनजीआरबी ने 11ए सिटी गैस वितरण बोली दौर में पांच भौगोलिक क्षेत्रों की पेशकश की थी। ये क्षेत्र पांच राज्यों के 27 जिलों में फैले हैं।
बीपीसीएल को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, सीतापुर और महाराजगंज और छत्तीसगढ़ के कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर तथा सरगुजा जिलों के लिये लाइसेंस मिला है। इन्हें एक भौगोलिक क्षेत्र में रखा गया है।
एचपीसीएल को बिहार के बांका और झारखंड के दुमका, गोड्डा, जामताड़ा तथा पाकुड़ जिलों के लिये लाइसेंस मिला है। कंपनी ने भौगोलिक क्षेत्र में शामिल किये गये पश्चिम बंगाल के बीरभूम, मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण दिनाजपुर के लिये भी लाइेंसस प्राप्त किया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल की इकाई गेल गैस लि. ने छत्तीसगढ़ में कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा के लिये लाइसेंस प्राप्त किये।
पीएनजीआरबी ने कहा, ‘‘सफल बोलीदाताओं को पांच भौगोलिक क्षेत्रों के लिये सात अप्रैल, 2022 को आशय पत्र जारी किये गये हैं।’’
इन क्षेत्रों के लिये बोलियां छह अप्रैल को प्राप्त हुई। कुल सात बोलीदाताओं से 21 बोलियां मिलीं।
पुडुचेरी के यनम को लेकर बने छठे भौगोलिक क्षेत्र को बोली दौर में शामिल किया गया। इसके लिये बोली 10 मई को आनी है।
पीएनजीआरबी ने कहा कि इस बोली दौर के बाद देश के लगभग 88 प्रतिशत क्षेत्र शहरी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क के विकास के लिये अधिकृत हो जाएंगे। इससे लगभग 98 प्रतिशत आबादी को प्राकृतिक गैस उपलब्ध हो सकेगी।
भाषा
रमण अजय
अजय
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