नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश अप्रैल, 2022 के अंत में बढ़कर 90,580 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच विदेशी निवेशक भारतीय बाजार का रुख कर रहे हैं जिससे घरेलू बाजारों में पी-नोट्स के जरिये निवेश बढ़ा है।
पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की तरफ से पी-नोट्स उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं, जो भारतीय शेयर बाजार में बिना पंजीकरण के निवेश करना चाहते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें पूरी जांच-परख की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू बाजारों में पी-नोट्स के जरिये निवेश का मूल्य अप्रैल, 2022 के अंत मे 90,580 करोड़ रुपये हो गया, जो मार्च में 87,979 करोड़ रुपये था।
वहीं, फरवरी में पी-नोट्स के माध्यम से 89,143 करोड़ रुपये जबकि जनवरी में 87,989 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
बाजार नियामक के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में 90,580 करोड़ रुपये के कुल पी-नोट्स निवेश में से 81,571 करोड़ रुपये का निवेश शेयरों में किया गया जबकि 8,889 करोड़ रुपये बांड एवं 120 करोड़ रुपये हाइब्रिड प्रतिभूतियों में लगाए गए थे।
पी-नोट्स की तुलना में एफपीआई के तहत परिसंपत्तियां अप्रैल के अंत में घटकर 50.74 लाख करोड़ रुपये रह गईं। मार्च में यह 50.97 लाख करोड़ रुपये थीं।
इस बीच, अप्रैल के दौरान विदेशी निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजारों से 17,144 करोड़ रुपये तथा ऋण या बांड बाजारों से 4,439 करोड़ रुपये की निकासी की है। यह लगातार सातवां महीना है जब एफपीआई ने भारतीयों बाजारों से निकासी की है।
भाषा जतिन अजय
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