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Tuesday, 5 August, 2025
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गोयल के बयान से छिड़ी बहस में जेप्टो, जोहो के मुखिया शामिल हुए, स्टार्टअप तंत्र का बचाव किया

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) भारतीय स्टार्टअप तंत्र के मूल्य और नवाचार पहलू पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की तरफ से उठाए गए सवाल ने शुक्रवार को कई भारतीय उद्यमियों को एकजुट करने का काम किया। त्वरित वाणिज्य मंच जेप्टो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित पलीचा और जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू जैसे दिग्गजों ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी है।

स्टार्टअप जगत के सबसे चर्चित चेहरों में से एक पलीचा ने नौकरियों, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में जेप्टो के योगदान का हवाला दिया और इसे ‘भारतीय नवाचार में चमत्कार’ करार दिया। उन्होंने प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार को आगे बढ़ाने में उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों की भूमिका के बारे में बताया।

गोयल ने बृहस्पतिवार को भारतीय स्टार्टअप समुदाय से कहा था कि वे अपना ध्यान किराना सामान की आपूर्ति और आइसक्रीम बनाने से हटाकर सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग (एमएल), रोबोटिक्स और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों पर लगाएं।

वाणिज्य मंत्री ने पूछा था “क्या हमें आइसक्रीम या चिप्स बनाना है?”

पलीचा ने इस पर कहा कि स्टार्टअप तंत्र, सरकार और भारतीय पूंजी के बड़े पूल के मालिकों को ‘स्थानीय चैंपियन’ के निर्माण में सक्रिय रूप से समर्थन करना चाहिए और ‘उन टीमों को पीछे नहीं हटाना चाहिए जो वहां पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।’

जोहो के संस्थापक वेम्बू ने केंद्रीय मंत्री के आह्वान को इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों के लिए एक चुनौती के रूप में देखा, न कि उंगली उठाने के रूप में।

वेम्बू ने सोशल मीडिया मंच पर कहा, “हमें ऐसे स्मार्ट इंजीनियरों की ज़रूरत है जो अपनी आस्तीन चढ़ाकर काम पूरा कर सकें। विटामिन और कैंसर के इलाज के तर्क को ध्यान में रखें – अपनी बड़ी प्रौद्योगिकी महत्वाकांक्षा के लिए भुगतान करने के तरीके को क्रमबद्ध करना ‘इंजीनियरिंग समस्या’ का एक हिस्सा है जिसे स्मार्ट इंजीनियरों को हल करना चाहिए! हम यह कर सकते हैं।”

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने गोयल की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्रियों से भरोसा बनाए रखने, ‘उच्च प्रौद्योगिकी’ स्टार्टअप की मदद करने और मुश्किलों को दूर करने का आग्रह किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि उद्योग अपने वादे पर खरा उतरेगा।

पई ने कहा कि चीन से कोई तुलना सही नहीं है क्योंकि भारत में भी ऐसे स्टार्टअप हैं, हालांकि वे ‘छोटे’ हैं।

स्टार्टअप रियल्टी कार्यक्रम शार्क टैंक इंडिया के निर्णायक मंडल में शामिल और शादी डॉट कॉम के संस्थापक अनुपम मित्तल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि वह कुछ ‘उच्च प्रौद्योगिकी’ कंपनियों से बहुत प्रभावित हुए हैं।

मित्तल ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में मैं कुछ ‘उच्च प्रौद्योगिकी’ कंपनियों से मिला हूं जिन्होंने मुझे पूरी तरह से चौंका दिया है। भारतीय उद्यमी एआई और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लेकर ‘मैटेरियल साइंस’ तक दुनिया को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। …लेकिन विकास और व्यावसायीकरण के लिए पूंजी और परिवेश की भारी कमी है।”

मित्तल ने लिखा कि ‘संस्थापक बहुत चीजें कर सकते हैं, लेकिन सब कुछ नहीं।’

पलीचा ने पेशेवर सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर लिखा, ‘‘भारत में उपभोक्ता आधारित स्टार्टअप की आलोचना करना आसान है, खासकर जब आप उनकी तुलना अमेरिका/चीन में विकसित की जा रही उच्च प्रौद्योगिकी (डीप-टेक) उत्कृष्टता से करते हैं। वास्तविकता यह है कि आज लगभग 1.5 लाख लोग जेप्टो से आजीविका कमा रहे हैं। यह एक ऐसी कंपनी जो 3.5 साल पहले अस्तित्व में नहीं थी।’’

गोयल ने स्टार्टअप महाकुंभ में कहा था, ‘‘ क्या हम सामान पहुंचाने वाले डिलिवरी बॉय बनकर खुश रहेंगे… क्या यही भारत की नियति है… यह स्टार्टअप नहीं है, यह उद्यमिता है… दूसरी तरफ क्या हो रहा है – रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, 3डी विनिर्माण और अगली पीढ़ी के कारखाने आदि।’’

पलीचा ने इस पर कहा कि जेप्टो अब भी एक महान इंटरनेट कंपनी बनने से बहुत दूर है जो वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके, लेकिन वहां पहुंचने के लिए दिन-रात काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वादा कर सकता हूं कि इस व्यवसाय से हम जो भी पूंजी जुटाएंगे, उसका निवेश भारत में दीर्घकालिक नवाचार और मूल्य सृजन के लिए किया जाएगा।’’

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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