नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) वित्त मंत्रालय और अन्य वित्तीय नियामकों के साथ मिलकर एक केंद्रीकृत केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रणाली स्थापित करने पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने यह जानकारी दी है।
केंद्रीय केवाईसी एक ऑनलाइन डेटाबेस है जो ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को केंद्रीकृत तरीके से बनाए रखता है, जिसका उद्देश्य वित्तीय संस्थानों में अनुपालन को सुव्यवस्थित करना है।
इस बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हां, मुझे लगता है कि हम इसपर भी आगे बढ़ेंगे। हम वास्तव में एक ऐसी प्रणाली बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो बहुत, बहुत प्रभावी होगी।’’
उन्होंने कहा कि वित्त सचिव इस पहल के लिए जिम्मेदार समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं, और इस प्रक्रिया को तेज करने के प्रयास चल रहे हैं।
हालांकि, इसके लिए कोई निश्चित समयसीमा साझा नहीं की गई है, लेकिन पांडेय ने भरोसा जताया कि यह काफी जल्दी होना चाहिए।
वर्तमान प्रणालियों की दक्षता को स्पष्ट करने के लिए, उन्होंने मजबूत केआरए (केवाईसी पंजीकरण एजेंसी) प्रणाली का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रणाली अभी बहुत प्रभावी है जहां आप एक केवाईसी करते हैं और फिर, हर जगह यह वास्तव में किया जा रहा है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह केवल अपलोड करने का तंत्र नहीं है, बल्कि पूरी तरह से प्रमाणित प्रणाली है। सभी छह केआरए वर्तमान में आपस में जुड़े हुए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि 2025 में एक नयी, संशोधित केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री शुरू की जाएगी।
इसके बाद अप्रैल में, वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री के पुनर्गठन पर चर्चा और वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच की सुविधा के लिए केवाईसी अनुपालन से संबंधित प्रमुख मुद्दों को हल करने को एक बैठक की अध्यक्षता की थी।
भाषा अजय अजय अनुराग
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