सूरत/नवसारी (गुजरात), 12 अप्रैल (भाषा) भारत की महत्वाकांक्षी ‘बुलेट ट्रेन परियोजना’ के लिए जापान की द्रुत गति की ट्रेन शिंकानसेन को भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से ढाला जा रहा है। शिंकानसेन ट्रेन में बदलाव कर इसे बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भेजा जाएगा। भारत के तापमान, धूल और भार के हिसाब से इस ट्रेन में बदलाव किया जा रहा है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री ने कहा कि यह परियोजना 2027 में सूरत-बिलिमोरा के बीच 48 किलोमीटर के खंड को पूरा करने के लिए तैयार है। इसका पहला परीक्षण इससे एक साल पहले किया जाएगा। हालांकि, यह परियोजना महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण के मुद्दों की वजह से अटकी हुई है।
अग्निहोत्री ने कहा, “हमें वर्तमान में जापान में चल रही ई5 शिंकानसेन श्रृंखला की ट्रेनें मिलेंगी। हालांकि, हम धूल और तापमान के मामले में इसे भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से ढालने के लिए अध्ययन कर रहे हैं।’’
ई5 श्रृंखला हिताची और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज द्वारा निर्मित जापानी शिंकानसेन हाई-स्पीड ट्रेन का ही एक प्रकार है।
ये ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ने में सक्षम है और 3.35 मीटर चौड़ी है। इस तरह की ट्रेनों में सबसे चौड़ी ट्रेन केवल फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में ही उपलब्ध है।
सूत्रों ने अनुसार, जापानी इस पहलू पर भी काम कर रहे हैं कि ये ट्रेनें ‘भारतीय वजन’ ढोने में सक्षम हों, क्योंकि जापानियों का वजह कम होता है।
भाषा रिया अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.