नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) अगर कोई वाहन कंपनी अपने कलपुर्जा आपूर्तिकर्ताओं को स्थानीय रूप से विनिर्माण करने की इजाजत नहीं देती है, तो सरकार इस पर गंभीरता से ध्यान देगी और सख्त कदम उठाएगी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को यह बात कही। उन्होंने उम्मीद जताई कि उद्योग भारत में कलपुर्जों के विनिर्माण को बढ़ावा देना जारी रखेगा।
वह भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ के 62वें वार्षिक सत्र को संबोधित कर रहे थे।
गोयल ने कहा, ”मैं सभी वाहन कंपनियों से कहना चाहूंगा कि अगर कोई कंपनी कलपुर्जा आपूर्तिकर्ता को स्थानीय स्तर पर विनिर्माण की अनुमति नहीं देती है, तो सरकार उसपर गंभीरता से ध्यान देगी।”
उन्होंने कहा कि यदि कलपुर्जों को विदेश में पसंदीदा आपूर्तिकर्ता से आयात करने के लिए बाध्य किया गया, या ऐसी कीमतों पर आयात किया गया जो प्रतिस्पर्धी न हो, तो इस बात को गंभीरता से लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर कोई वाहन कंपनी किसी कलपुर्जा विनिर्माता को स्थानीय स्तर पर विनिर्माण करने की जगह कलपुर्जों को आयात करने के लिए दबाव डाल रही है, तो ‘‘मैं आपसे आग्रह करूंगा कि कृपया सीधे मेरे पास आएं और बिना किसी हिचकिचाहट के मुझसे बात करे।’’
मंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसा पता चला है कि कुछ वाहन कलपुर्जा कंपनियों को अपने संयुक्त उद्यम भागीदारों से भी कुछ तनाव और दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सरकार गंभीरता से विचार करेगी और अगर कोई संयुक्त उद्यम भागीदार नाखुश है, तो वह साथ छोड़ने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में भारतीय कंपनियां उन्हें निष्पक्ष और सम्मानजनक निकास का मौका दे सकती हैं।
गोयल ने कहा कि अगर किसी को अनुचित शर्तों पर मजबूर किया जा रहा है, तो घरेलू कंपनी को अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए और सरकार इसे अन्य देशों में अपने समकक्षों के साथ उठाएगी।
भाषा पाण्डेय अजय
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