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Sunday, 17 November, 2024
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अन्य परियोजनाओं को कृषि अवसंरचना कोष तक पहुंच देने की मंत्रिमंडल से मांगेंगे मंजूरीः तोमर

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नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि उनका मंत्रालय जलीय कृषि जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकी आधारित कृषि परियोजनाओं को एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष तक पहुंच की अनुमति देने के प्रस्ताव पर जल्द ही मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा।

वर्ष 2020 में स्थापित कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) फार्म-गेट और संग्रहण केंद्रों पर फसल कटाई के बाद की अवसंरचना परियोजनाओं की स्थापना के लिए वित्तपोषण सुविधा प्रदान करता है। दो करोड़ रुपये की सीमा तक सालाना तीन प्रतिशत की ब्याज सहायता के साथ ऋण प्रदान किए जाते हैं। यह ब्याज सहायता अधिकतम सात साल की अवधि के लिए है।

एआईएफ के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बैंकों को पुरस्कार देने के बाद तोमर ने कहा, ‘‘हम एआईएफ के तहत और परियोजनाओं को अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं, जिसके लिए हम जल्द ही मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने जा रहे हैं।’’

एआईएफ में बदलाव का प्रस्ताव एआईएफ से उधार लेने के लिए जलीय कृषि (हाइड्रोपोनिक्स) जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकी आधारित कृषि परियोजनाओं को अनुमति देने के लिए किया गया है।

पिछली बार सरकार ने जुलाई 2021 में एआईएफ में बदलाव किए थे। उस समय सरकार ने एपीएमसी, राज्य एजेंसियों, संघों, किसानों की सहकारी समितियों और स्वयं-सहायता समूहों को बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं के लिए धन की मांग करने की अनुमति दी थी।

तोमर ने कहा कि एआईएफ के तहत बुनियादी ढांचा परियोजनाएं खेत के निकट स्थापित की जानी चाहिए ताकि किसानों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि जहां देश ने कृषि उत्पादकता में प्रगति की है, वहीं अब किसानों की आय में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। लिहाजा कृषि समुदाय को प्रौद्योगिकी और आवश्यक कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे को उपलब्ध कराने की आवश्यकता है ताकि उनकी आय बढ़े।

तोमर ने यह भी कहा कि राज्यों और बैंकों दोनों को पात्र लाभार्थियों के लिए एआईएफ के माध्यम से धन मंजूर करने में कमियों को दूर करने की जरूरत है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक एआईएफ के एकीकृत पोर्टल पर प्राप्त 23,000 से अधिक आवेदनों में से, 13,700 आवेदकों को विभिन्न ऋण संस्थानों द्वारा लगभग 17,500 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश के साथ 10,131 करोड़ रुपये के एआईएफ ऋण स्वीकृत किए गए हैं।

इस अवसर पर बोलते हुए, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि भविष्य में एआईएफ स्टार्टअप्स और किसान उत्पादक संगठनों को बड़ी गति देगा।

उन्होंने कहा कि बैंकों को एआईएफ के तहत आवेदकों को ऋण स्वीकृत करने के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ऋण के संबंध में गारंटी देती है।

कृषि सचिव मनोज आहूजा ने बैंकों से एआईएफ के तहत लागू परियोजनाओं के लिए ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने और राज्य सरकारों को इस योजना के तहत आवेदनों के निपटान में तेजी लाने के लिए परियोजना निगरानी इकाइयों की स्थापना करने के लिए भी कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘देश में एक लाख बैंक शाखाएं हैं। यदि एक शाखा द्वारा एक आवेदन को मंजूरी दी जाती है, तो हम एआईएफ के तहत निर्धारित लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेंगे। इससे कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में भी सुधार होगा।’’

भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए एआईएफ पुरस्कार जीता। कृषि मंत्रालय ने बैंकों को सालाना सम्मानित करने का फैसला किया है।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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